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नई दिल्ली: भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा की गिरफ्तारी का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भी सामने आ गया है। आयोग ने बग्गा की गिरफ्तारी के दौरान उसे पगड़ी ना पहनने देने को लेकर पंजाब के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर रिपोर्ट तलब की है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने चिट्ठी में कहा है कि ये सिख धर्म के व्यक्ति से जुड़ा एक गम्भीर धार्मिक हनन का मामला है। आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव को 14 मई तक आयोग के सामने इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को तजिंदर पाल बग्गा की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और पंजाब पुलिस के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। सुबह पंजाब पुलिस तजिंदर पाल बग्गा को जनकपुरी स्थित उसके घर से उठाकर ले गई वहीं दोपहर में दिल्ली पुलिस के कहने पर हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस की गाड़ी को कुरुक्षेत्र के पास रोक लिया। बाद में बग्गा को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ ही अपहरण का केस दर्ज कर दिया और उनके डीसीपी रैंक के अधिकारी को थाने में बिठा लिया।

इस बीच शनिवार को पंजाब के मोहाली स्थित कोर्ट ने तजिंदर पाल बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रवितेश इंद्रजीत सिंह की अदालत ने साइबर क्राइम थाना के प्रभारी को आदेश दिया है कि वो तजिंदर पाल बग्गा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करें। तजिंदर बग्गा के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए हिंसा भड़काने, आपराधिक धमकी देने, सोशल मीडिया पर झूठे और सांप्रदायिक भड़काऊ बयान पोस्ट करने जैसे आरोपों में पंजाब स्टेट साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसी मामले में कोर्ट ने बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

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