चंडीगढ़: पंजाब में खेती विकास बैंकों का कर्ज न चुका पाने वाले 2000 से ज्यादा डिफाल्टर किसानों ने गिरफ्तारी के वारंट जारी कर दिए हैं, जिससे पूरे पंजाब में बवाल मच गया है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन डकौंदा ने संघर्ष करने की चेतावनी दी है।
माहौल बिगड़ता देखकर वित्तमंत्री हरपाल चीमा जिनके पास सहकारिता विभाग भी है, ने मोर्चा संभाला और इन आदेशों को वापस लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि ये आदेश कांग्रेस के कार्यकाल में जारी किए गए थे उन्हें लागू अब किया जा रहा है। मैंने विभाग से इन आदेशों पर रोक लगाने को कहा है। उन्होंने कहा कि कर्ज के कारण न तो किसानों की गिरफ्तारी होगी और न ही उनकी जमीन को नीलाम किया जाएगा।
पंजाब में लगभग दो हजार डिफाल्टर किसानों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं और कई केसों में तो जमीन की नीलामी की प्रक्रिया भी चल रही है। हालांकि पिछले सरकारों के दौरान यह तय किया गया था कि कर्ज के कारण किसानों की जमीन की नीलामी नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा, अब जब कि किसानों की इस साल गेहूं की पैदावार गिरी है और उनको आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान हुआ है।
भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के प्रधान बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि यह समय समय की केंद्रीय औ प्रांतीय सरकारों की ओर से लागू की जा रही किसान विरोधी नीतियों का ही रूप है। उन्होंने कहा कि हर सरकार केवल चुनाव जीतने के लिए सिर्फ वादे करती है उसे हकीकत रूप में कभी लागू नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकारों की नीतियों के कारण किसान कर्जाई हो रहे हैं। बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि देश के अनाज भंडार भरने वाले किसानों के साथ आज मुजरिमों जैसा सुलूक किया जा रहा है। इसे किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। इन किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया जाएगा और बैँक अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।
शिरोमणि अकाली दल न मुख्यमंत्री भगवंत मान से को आपरेटिव बैंकों को उन किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट जारी करने पर रोक लगाने का निर्देश देने को कहा, जो फसल खराब होने के कारण बिगड़ती वित्तीय स्थिति और खेती पर आने वाली लागत में तेजी से आई बढ़ोतरी के कारण अपना कर्जा चुकाने में विफल रहे हैं।
पार्टी के उपप्रधान डा. दलजीत सिंह चीमा ने इस बात पर हैरानी जताई कि पंजाब कृषि विकास बैंक से लिए गए कर्ज को चुकाने में विफल रहने पर बठिंडा, मानसा, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के किसानों को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार को किसानों की हर संभव मदद करनी चाहिए, जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि उन्हें उनकी गेहूं की फसल के खराब होने की भरपाई के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाए।
सरकार को डीजल पर राज्य वैट को कम करना चाहिए, जिसमें पिछले एक महीने के दौरान तेजी से वृदि्ध हुई है। डा. चीमा ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के किसानों की गिरफ्तारी के मद्देनजर अकाली दल चुप नही बैठेगा। उन्होने कहा कि बठिंडा और मानसा जिले में तीन किसानों ने गेहूं की फसल की पैदावार कम होने के कारण कर्ज बढ़ने की आशंका से आत्महत्या कर ली है।