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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब के अधिकारियों की बैठक लेने के बाद विपक्ष लगातार सीएम भगवंत मान पर 'रिमोट कंट्रोल' का आरोप लगा रहा है। इन आरोपों पर भगवंत मान ने घोषणा की कि अधिकारियों को प्रशिक्षण लेने के लिए भेजने का निर्णय उनका था। भगवंत मान ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रशिक्षण के लिए मैं अपने अधिकारियों को गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और यहां तक कि इस्राइल भी भेजूंगा। इसमें किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए?

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में पंजाब के मुख्य सचिव और पंजाब बिजली विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। जब केजरीवाल अधिकारियों संग बैठक कर रहे थे, तब पंजाब के सीएम भगवंत मान वहां मौजूद नहीं थे। पंजाब सीएम की दोपहर 3:00 बजे केजरीवाल से मुलाक़ात तय थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर पंजाब राज्य बिजली निगम के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव और सचिव (ऊर्जा) भी उपस्थित थे। लेकिन इस बैठक में भगवंत मान के उपस्थित न होने की खबरों को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया।

विपक्षी दलों ने केजरीवाल पर दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए पंजाब चलाने का आरोप लगाया है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू , भाजपा के मनजिंदर सिरसा और अकाली दल के दलजीत चीमा ने ट्वीट कर आप सरकार पर निशाना साधा था। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कहा कि भगवंत मान की गैरमौजूदगी में आईएएस अधिकारियों को अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाया गया। यह डिफैक्टो सीएम और दिल्ली के रिमोट कंट्रोल को बेनकाब करता है। यह संघवाद के उल्लंघन के साथ पंजाब का अपमान है। इस पर दोनों को जवाब देना होगा।

 

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