चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री और 20 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के सीएम चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी के 'यूपी-बिहार के भैया' वाले बयान पर राजनीति गरमा गई है। चन्नी को अपने इस विवादास्पद बयान पर सफाई देनी पड़ी। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल के हमले के बाद उन्होंने कहा कि उनका तात्पर्य दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और केजरीवाल जैसे नेताओं से था, जो बाहर से आकर खलल डालते हैं। चन्नी ने कहा कि पंजाब जितना पंजाबियों का है, उतना ही दूसरे राज्य के लोगों का।
विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए चन्नी ने कहा कि कल से मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। पंजाब आए सभी प्रवासियों ने राज्य के विकास के लिए अपना खून-पसीना बहाया है। उनसे हमारा प्यार का रिश्ता है और उन्हें हमारे दिल से कोई नहीं निकाल सकता।" पंजाब सीएम ने कहा, "जो लोग यूपी, बिहार और राजस्थान से पंजाब में काम करने आते हैं, पंजाब उनका भी उतना ही है जितना हमारा है। इसलिए इसको गलत तरीके से पेश करना सही नहीं है। मैं फिर कह दूं प्रवासी हमारे प्यारे हैं।
उन्होंने कहा, मैं सभी भाइयों से निवेदन करता हूं कि केजरीवाल जैसे लोगों को खुद से जोड़कर मत देखें। ये लोग पंजाब में अराजकता फैलाने आए हैं और प्रवासी पंजाब में विकास के लिए आता है।"
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के इस बयान ने ना सिर्फ उन पर बल्कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को घेरने का मौक़ा पूरे विपक्ष को दे दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 'यूपी, बिहार के भइये' वाले बयान के लिए चन्नी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर हमला बोला। पीएम ने कहा, 'इस टिप्पणी पर दिल्ली वाला परिवार तालियां बजा रहा था।'
पीएम मोदी के हमले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, "मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने बस इतना ही कहा कि पंजाब को पंजाबियों द्वारा चलाया जाना चाहिए। उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है। मुझे नहीं लगता कि यूपी से कोई आकर पंजाब में शासन करने में दिलचस्पी रखता है।"
हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव के पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था, लेकिन उसके बाद भी उनकी सरकार बन गयी थी। इस बार मुक़ाबला और भी कड़ा है। ऐसे में हार जीत में इस बयान की कितनी भूमिका रहेगी वो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल पायेगा।