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नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में बगावत की आग मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के घर तक पहुंच गई है। सीएम चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह ने कांग्रेस के फैसले से अलग जाकर खुद विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इसे पंजाब कांग्रेस के भीतर बगावत का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। मनोहर सिंह ने रविवार को एलान किया कि वो बस्सी पठाना विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। मनोहर ने बस्सी पठाना से विधानसभा टिकट की दावेदारी पेश की थी। लेकिन कांग्रेस ने इस बार वन फैमिली वन टिकट का फार्मूला अपनाया है। इस कारण मनोहर सिंह की दावेदारी पर पानी फिर गया।

बस्सी पठाना पंजाब के सांस्कृतिक क्षेत्र पुआध के तहत आता है और यह चन्नी और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। भाई के इस बगावती तेवर पर चन्नी ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि मुख्यमंत्री ने अपने भाई को बस्सी पठाना विधानसभा सीट से टिकट दिलाने के लिए खूब जद्दोजहद की थी। डॉ. मनोहर सिंह ने पिछले साल अगस्त में मोहाली जिले के खरार सिविल हास्पिटल के सीनियर मेडिकल अफसर के पद से त्यागपत्र दे दिया था।

मनोहर सिंह के पास एमबीबीएस औऱ एमडी की डिग्री है। उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई भी की है औऱ वकालत की भी। डॉ. मनोहर सिंह ने खुलेआम अपने समर्थकों के बीच एलान किया कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और मौजूदा कांग्रेस विधायक की हार तय करेंगे। इससे कांग्रेस के लिए नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। विरोधियों का कहना है कि सीएम चन्नी अपने गृह क्षेत्र में ही असंतोष को नहीं थाम पा रहे हैं।

गौरतलब है कि पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही उठापटक का दौर जारी है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य नेता अलग-अलग सियासी राग अलाप रहे हैं। पार्टी में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने को लेकर भी मतभेद औऱ जुबानी जंग बढ़ती जा रही है।

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