चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार से संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण दिए जाने की मांग की है। अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि पंजाब विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से की गई है। इससे पहले 6 दिसंबर को ओडिशा के मुख्यंमत्री नवीन पटनायक ने इसी मुद्दे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर समर्थन देने की मांग की थी। नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखा था।
33 फीसदी महिला आरक्षण को लेकर बीजू जनता दल (बीजेपी) के नेता 7 राष्ट्रीय और 15 क्षेत्रीय दलों, कांग्रेस, भाजपा, एनसीपी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीएम, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, अन्नाद्रमुक, डीएमके, आईएनएलडी, जेडी(एस), जेडी(यू), एनसी, पीडीपी, जेएमएम, आरजेडी, एसएडी, शिवसेना, टीडीपी, समाजवादी पार्टी और टीआरएस से मुलाकाता करने वाले हैं। 2011 में ओडिशा सरकार ने पंचायत और शहरी निकायों में महिलाओं के आरक्षण को 50 फीसदी कर दिया था।
इसे लेकर 4 दिसंबर को नवीन पटनायक ने 33 फीसदी महिला आरक्षण की मांग करते हुए पीएम मोदी को लिखा था कि यह करना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी।
बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक या संविधान (108वीं संशोधन) विधेयक, 2008 संसद में कालातीत हो चुका है। महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के शासन काल में राज्यसभा में यह विधेयक पारित हुआ था और अभी लोकसभा में पारित होना बाकी है।
वर्तमान में, संसद के दोनों सदनों में महज 96 महिला सदस्य हैं। लोकसभा में 543 सदस्यों में सिर्फ 65 महिला सदस्य हैं और राज्यसभा के 243 सदस्यों में सिर्फ 31 महिला सदस्य हैं।