अमृतसर: पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई जबकि 72 अन्य घायल हो गए। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ। मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 61 हो गयी है। इससे पहले अमृतसर के प्रथम उपमंडलीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने 58 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि कम से कम 72 घायलों को अमृतसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने हालांकि मृतकों की संख्या 40 बताते हुए कहा कि आंकड़ा बढ़ सकता है। अधिकारियों ने बताया कि रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। उन्होंने बताया कि उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आईं और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला। उन्होंने बताया कि एक ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए।
इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे। क्षत-विक्षत शव घटना के घंटों बाद भी घटनास्थल पर पड़े थे क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे। कई शवों की पहचान भी नहीं हो सकी। जमीन पर क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे। लोगों ने स्थानीय विधायक नवजोत कौर सिद्धु के खिलाफ नारेबाजी की जो रावण दहन कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर वहां मौजूद थीं।
उन्होंने बाद में कहा कि हादसे के फौरन बाद वह अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने कहा कि रेलवे को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि दशहरा आयोजन के दौरान ट्रैक के इस खंड पर ट्रेन की रफ्तार धीमी रहे। नवजोत कौर ने कहा, ‘‘हर साल वहां दशहरा आयोजन होता है।’’ उन्होंने कहा कि वह हादसे से पहले ही वहां से चली गई थीं।
इस घटना के बाद परेशान लोगों ने अपने दिल दहलाने वाले अनुभव साझा किये। एक गमगीन महिला ने कहा, ‘‘मैंने अपना नाबालिग बेटा खो दिया। मुझे मेरा बेटा लौटा दो ।’’ एक स्थानीय शख्स ने कहा, ‘‘कई बार हमने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से कहा है कि इस मुद्दे को रेलवे के साथ उठाएं कि दशहरे के दौरान फाटक के पास ट्रेनों की गति को कम रखा जाए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।’’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पटाखों के शोर की वजह से लोगों को आ रही ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकी।
इस बीच पंजाब सरकार ने शनिवार को एक दिन के शोक का ऐलान किया है। दफ्तर और शिक्षण संस्थान शनिवार को बंद रहेंगे। अमृतसर ट्रेन हादसे को लेकर पंजाब में आज राजकीय शोक ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ।
एक दिन के राजकीय शोक
इस भयावह हादसे को देखते हुए पंजाब में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘अमृतसर रेल दुर्घटना के मद्देनजर प्रदेश में कल शोक रहेगा। सभी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।’ मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अभी मुझे नहीं पता है कि रेलवे स्टेशन के बगल में रावण का यह पुतला क्यों बनाया गया था। लेकिन प्रशासन इसे देखेगा और जब कल मैं वहां जाऊंगा तो हम इसकी जांच करेंगे।’’
सिंह ने अपना तयशुदा इस्राइल दौरा स्थगित कर दिया है और वह शनिवार सुबह अमृतसर जा रहे हैं। पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिये पांच-पांच लाख रूपये के मुआवजे का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। मोदी ने अधिकारियों को तत्काल सहायता पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रूपये और घायलों के लिये 50 हजार रूपये के मुआवजे का ऐलान किया है। मोदी ने ट्वीट में कहा, “अमृतसर में ट्रेन हादसे से बेहद दुखी हूं। यह दुख भरी घटना दिल दहलाने वाली है।' उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने परिजन को खोया है और मैं घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। जरूरतमंद लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।'
कोविंद ने कहा, “ पंजाब के अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए हादसे की खबर सुनकर दुखी हूं...।’’ रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेष चौबे मौके पर जा रहे हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल अमेरिका में हैं और वह वहां अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर वापस लौट रहे हैं।
गोयल ने अमेरिका से ट्वीट किया, ‘‘अमृतसर में हुए भयंकर ट्रेन हादसे की घटना से हैरान और दुखी हूं। पीड़ितों के परिवारों के लिए मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूं। रेलवे ने तुरंत राहत एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया है।’’ हादसे के बाद से जालंधर-अमृतसर मार्ग पर रेल सेवा पूरी तरह से बाधित रही। रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुछ ट्रेनों का जहां रास्ता बदला गया है वहीं कई को जालंधर के पास रोककर रखा गया है।