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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा का छोटा सा मानसून सत्र हंगामे से भरा रहा है। मंगलरवार को सत्र के आखिरी दिन शिअद विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जमकर तू तू मैं मैं हुई, वहीं बोलने के लिए कम समय मिलने के विरोध में शिअद विधायकों ने नारेबाजी की। इस दौरान सिद्धू और विक्रम मजीठिया बहस के साथ-साथ एक दूसरे को इशारे करते नजर आए। अमृतसर हलका दक्षिणी के कांग्रेस विधायक इंद्रबीर बुलारिया भी सिद्धू के पास आ गए और मजीठिया की तरफ चले जाने का इशारा करने लगे।

मामला इतना गरमा गया कि सिद्धू अपनी कुर्सी छोडक़र खड़े हो गए और बार बार मजीठिया की तरफ हाथ से इशारा करने लगे।  बलजीत सिंह दादूवाल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बैठक के विषय पर शिअद विधायकों ने सवाल उठाए और जमकर शोरगुल किया। शिअद विधायक सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे।

इस मामले में सुखबीर सिंह बादल द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सदन की कमेटी गठित करने की मांग की। इसके बाद कमेटी बना दी गई। बाद में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा में कम समय देने पर भी शिअद विधायकों ने हंगामा किया व सदन से वाकआउट किया। इसके बाद शिअद विधायक अलग सदन चलाने लगे। 

स्पीकर राणा केपी सिंह ने चर्चा में अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस को एक घंटा 20 मिनट, शिरोमणि अकाली दल को 14 मिनट तथा आम आदमी पार्टी को 21 मिनट का समय दिया। अकाली दल ने और ज्यादा समय की मांग करते हुए विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया।

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