नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को बताया कि पिछले नौ माह में एनआरआई पतियों द्वारा पत्नियों को छोड़े जाने की 3,500 से अधिक शिकायतें मिली हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि अकेले पंजाब में इस तरह की 355 शिकायतें प्राप्त हुईं। जालंधर में पंजाब में एनआरआई शादी से जुड़े मुद्दे विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठि में उन्होंने कहा, ‘आंकड़ों के विश्लेषण में कई तरह से उत्पीड़न या दुर्व्यवहार की बातें सामने आती हैं। इनमें पत्नी को छोड़ने, भारत छोड़ने के बाद बाद पत्नी से संपर्क खत्म करने, थोड़े दिन के लिए शादी करने और धोखाधड़ी के मामले शामिल हैं।’ शर्मा ने एनआरआई दुल्हों की पृष्ठभूमि की जांच की जरूरत पर बल दिया।
पंजाब राज्य महिला आयोग ने इस माह के शुरुआत में कहा था कि अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) से द्वारा पत्नियों को छोड़ने के 30 हजार से ज्यादा कानूनी मामले राज्य में लंबित हैं। महिला आयोग ने केंद्र से इस संकट पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने का आग्रह किया था। आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से नई दिल्ली में मुलाकात कर इस तरह की महिलाओं की दुर्दशा का मुद्दा उठाया था।
जो एनआरआई दुल्हों के धोखाधड़ी व शोषण की शिकार हैं। गुलाटी को तब सुषमा स्वराज ने जरूरी कार्रवाई का भरोसा दिया था।
गुलाटी ने कहा था कि पंजाब में अकेले 30 हजार से ज्यादा कानूनी मामले लंबित हैं, जिसमें एनआरआई ने संभवत: अपनी पत्नियों को त्याग दिया है। इन शोषित महिलाओं को तत्काल मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा, अगर प्रारंभिक जांच में देश में खुलासा होता कि संबंधित एनआरआई दोषी करार होने के दायरे में है तो इसके बाद उसकी प्रर्त्यपण की प्रक्रिया तत्काल शुरू होगी और उसके अपनी पीड़ित पत्नी को मुआवजा देने तक उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा।
गुलाटी ने कहा था कि इस प्रमुख निर्णय से देश में बहुत सी जिंदगियां बचाने में मदद मिलेगी, खास तौर से पंजाब में और दूसरे एनआरआई के लिए चेतावनी होगी, जो इसके परिणाम से डरे बगैर अपने निहित स्वार्थों के लिए कानून का दुरुपयोग करते हैं। पंजाब में हजारों अनिवासी भारतीय हैं, जो दूसरे देशों में बसे हैं। इसमें खासतौर से अमेरिका, ब्रिटेन व कनाडा व ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। आयोग की प्रमुख ने कहा, मौजूदा व पूर्ववर्ती सरकारों ने महिलाओं को एनआरआई दुल्हों के शोषण से सुरक्षा देने के लिए कई कानून पारित किए, लेकिन यह किसी तरह से कम नहीं हुआ है।