चंडीगढ़: पंजाब में दस साल बाद कांग्रेस को अपने नेतृत्व में जीत दिलाने वाले अमरिंदर सिंह आज मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। अमरिंदर सिंह के बाद ब्रह्रा मोहिंद्रा ने शपथ ली और उसके बाद बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने शपथ ली। शपथ लेने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के पैर छूए। शपथ ग्रहण समारोह में मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के अलावा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला तथा उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव अहमद पटेल और अंबिका सोनी के अलावा पंजाब मामलों की प्रभारी सचिव आशा कुमारी के भी समारोह में शामिल हुए। अमरिंदर सिंह ने राज्य की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुये समारोह में ज्यादा खर्च नहीं करने का निर्णय लिया जिसके चलते शपथ ग्रहण समारोह सादा रहा। मनोनीत मुख्यमंत्री ने सभी पार्टी विधायकों और अन्यों से अपील की कि वह जश्न पर ज्यादा खर्च ना करें ताकि कर्ज से दबे राज्य के कोष पर और बोक्ष न पड़े। सिंह ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता होगी कि हर संभावित कदम के जरिये राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जाए। शिअद-भाजपा के शासन के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गयी। उन्होंने कहा, जब पंजाब के लोग वित्तीय और अन्य समस्याओं से जूक्ष रहे है तो हम जश्न नहीं मनाना चाहते।
उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार राज्य को वद्धि और विकास के रास्ते पर ले आएगी तो जश्न मनाने का पयार्प्त समय होगा। सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस दस साल के अंतराल के बाद पंजाब में सत्ता में आयी है। उसने विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर कब्जा जमाया। सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा को 18 सीटें मिली, राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आप ने 20 सीटें जीतीं जबकि दो सीटें नयी पार्टी और आप की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी को मिली। यह दूसरी बार है जब अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले वह 2002 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे।
किस-किस ने ली शपथ
ब्रह्रा मोहिंद्रा ने शपथ ली: पटियाला देहाती सीट से जीत हासिल की। कांग्रेस का हिंदू चेहरा, आप नेता को 27000 हजार वोटों से हराया।
नवजोत सिंह सिद्धू: अमृतसर ईस्ट से चुनाव जीतकर पहली बार बने विधायक।
मनप्रीत बादल: अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल, बटिंडा से 18480 वोटों से जीत हासिल की। पांच बार रह चुके हैं विधायक। अकाली-बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं।
साधु सिंह धर्मसोत: नाभा सीट से विधायक।18995 वोटो से हासिल की थी जीत। कांग्रेस का दलित चेहरा।
तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा: माझा इलाके से आते हैं और फतेहगढ़ चूडियां सीट से चुनाव जीता, अकाली दल के उम्मीदवार को हराया।
राणा गुरजीत सिंह: कपूरथला सीट से विधायक और अमरिंदर सिंह के करीबी। अकाली उम्मीदवार को 28817 वोटों से हराया। पंजाब के बड़े कारोबारी है राणा गुरजीत सिंह।
चरणजीत सिंह चन्नी: चमकौर साहिब सीट से विधायक, पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा। चन्नी ने आप उम्मीदवार को 12308 वोटों से हराया।
अरुणा चौधरी: दीनानगर सीट से विधायक, पंजाब के माझा इलाके से आती हैं। बीजेपी उम्मीदवार को 31917 वोटों से चुनाव हराया। महिला कोटे से मंत्री बनीं।
रजिया सुल्ताना: मलेरकोटला सीट से विधायक, पिछला चुनाव हार गई थी। अकाली उम्मीदवार को 12702 वोटों से चुनाव हराया। कांग्रेस का मुस्लिम चेहरा।