कोलकाता: दिल्ली विधानसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार एक भी सीट न लाने के बाद कांग्रेस में अंदरुनी कलह शुरू हो गई। नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए। इस बीच वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए नेताओं के अहंकार और महत्वाकांक्षाओं को एक साथ खत्म करना वक्त की मांग है। राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि पार्टी को सुरंग के आखिर में रोशनी देखने से पहले लंबा सफर तय करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को एक उम्र के बाद युवा नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए न कि उनकी राह में कांटे पैदा करने चाहिए।
एनआरसी-सीएए-एनपीआर के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के मुद्दे पर रमेश ने कहा कि राजनीतिक दलों को इन प्रदर्शनों से एक हाथ की दूरी बनाए रखनी चाहिए और जन आंदोलनों को जबरन अपना बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, हम सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं। किसी एक के हाथ में जादू नहीं होता। यह सामूहिक प्रयास है।
यह सामूहिक काम, सामूहिक अनुशासन और हर व्यक्ति के अहंकार को मिलकर खत्म करने का आह्वान होगा।
सतर्क रहने की जरूरत
रमेश ने अपनी किताब 'अ चेकर्ड ब्रिलियंस : द मेनी लाइव्स ऑफ वीके कृष्ण मेनन' के विमोचन के दौरान कहा, कांग्रेस नेताओं को इस बारे में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है कि वे क्या बोलते हैं और क्या करते हैं, क्योंकि भाजपा चीजों का ध्रुवीकरण करने और सांप्रदायिकता फैलाने की हमेशा कोशिश करेगी।