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कोलकाता: एनआईए की एक विशेष अदालत ने खगरागढ़ विस्फोट मामले में पांच आरोपियों को शुक्रवार को सजा सुनाई। इन आरोपियों को षड्यंत्र रचने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए पांच से छह साल की सजा सुनाई गई। पांचों ने विस्फोट के लिए खुद दोष स्वीकार कर लिया था। यह विस्फोट पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिले के खगरागढ़ में किराये के एक मकान में बम एवं विस्फोटक उपकरण बनाने के दौरान हुआ था। इनमें दो संदिग्ध आतंकवादियों की मौत हो गई थी और तीसरा घायल हो गया था।

दो अक्टूबर 2014 को हुए इस विस्फोट का संबंध आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ मिला था। शहर की सत्र अदालत के मुख्य न्यायाधीश सिद्धार्थ कांजीलाल ने इनामुल हक और हबीबुर रहमान को पांच साल सश्रम कैद की सजा सुनाई। एनआईए के वकील श्यामल घोष ने बताया कि अदालत ने हबीबुर शेख, फैजुल रहमान और बुरहान शेख को छह साल की सश्रम सजा सुनाई। एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में 30 अगस्त को 19 लोगों को कैद की सजा सुनाई थी।

इनमें चार बांग्लादेशी नागरिक थे। जिन लोगों को सजा सुनाई गई थी उनमें से दो महिलाएं थीं।

मामले के कुल 31 आरोपियों में से 19 ने अपना दोष स्वीकार किया और उन्हें छह से 10 साल कैद की सजा सुनाई गई। घोष ने कहा कि 31 में से 24 आरोपियों को सजा सुनाने के साथ ही शेष सात के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा।

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