कोलकाता: कोलकाता के मध्य इलाके में ढहे निर्माणाधीन फ्लाईओवर के मलबे से दो और शवों को निकालने के साथ ही इस हादसे में मरने वालों की संख्या 26 हो गई है। फ्लाईओवर का निर्माण कर रही हैदराबाद की कंपनी आईवीआरसीएल के एक और अधिकारी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा कि आईवीआरसीएल के अधिकारी तन्मय सिल को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह भागने का प्रयास कर रहा था। कंपनी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों को कल रात कोलकाता पुलिस ने इस हादसे के संदर्भ में गिरफ्तार किया था। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज सुबह से चल रहे राहत कार्य के दौरान कोलकाता पुलिस आपदा प्रबंधन टीम ने अग्निशमन दल के साथ मिल कर मलबे से दो और शवों को बाहर निकाला। कंक्रीट का यह मलबा संभवत: दुर्घटना स्थल के पास के छोटे मंदिर का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में जख्मी लोगों की संख्या 89 है। अधिकारी ने कहा, ‘यह इलाका काफी महत्वपूर्ण है जहां सड़क के साथ ही आवासीय भवन भी हैं।
हमें मलबे से बदबू आ रही थी लेकिन राहत कार्य करते हुए हमें काफी सावधान रहना पड़ा..एक गलत कदम से फ्लाईओवर का दूसरा हिस्सा ढह सकता था जिससे एक और दुर्घटना हो जाती।’ आईपीएस अधिकारी ने आज निकाले गए दोनों शवों की पहचान के बारे में कहा कि उनके पहनावे से दोनों भिखारी लगते हैं जो मंदिर के पास बैठे होंगे। अधिकारी ने कहा, ‘बदबू को देखते हुए लगता है कि मलबे के अंदर और शव पड़े होंगे। हम उनका पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं।’ निर्माणाधीन विवेकानंद फ्लाईओवर का करीब 60 मीटर लंबा हिस्सा 31 मार्च की दोपहर को ढह गया। पश्चिम बंगाल की सरकार ने दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है वहीं विपक्ष ने ममता बनर्जी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है।