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कोलकाता: भाजपा ने एक न्यूज पोर्टल के उस ‘स्टिंग’ के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के त्यागपत्र की मांग की है जिसमें दावा किया गया है कि तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों ने राजनीतिक समर्थन देने की एवज में रिश्वत प्राप्त की। इसी स्टिंग को लेकर माकपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि विपक्षी दलों पर विधानसभा चुनाव से पहले एक ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ रचने का आरोप लगाया और एक समाचार पोर्टल द्वारा किये गए स्टिंग आपरेशन को ‘गढ़ा’ हुआ करार दिया। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ममता से तत्काल इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (ममता को) चुनाव से पहले कुछ दिनों के लिए भी मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए। उनकी पार्टी के नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उन्होंने उन लोगों का नेतृत्व किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मांग करते हैं कि वह कदम उठाये ताकि वीडियो में दिख रहे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सीबीआई निदेशक को भी लिखा है कि वह स्टिंग आपरेशन पर संज्ञान लें। कृपया जांच कीजिये क्योंकि आप पहले ही सारदा, रोज वैली चिट फंड घोटालों की जांच कर रहे हैं।’’ दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में समाचार पोर्टल ने एक टेप जारी किया जिसमें पश्चिम बंगाल के कुछ मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को कथित तौर पर एक नकली कंपनी ‘इंपेक्स कंसल्टेंसी’ के लिए लॉबिंग करने के बदले नकदी स्वीकार करते हुए दिखाया गया है। माकपा प्रदेश सचिव सूर्य कांत मिश्र ने कहा कि चूंकि यह मामला चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रकाश में आया है चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस धनराशि का इस्तेमाल लोगों के निर्णय को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग को तत्काल कदम उठाने चाहिए नहीं तो चुनाव तब तक नहीं कराया जाना चाहिए जब तक ऐसे कदम नहीं उठाये जाते। उन्होंने कहा, ‘‘यदि राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी हो तो वह भी लगाया जाना चाहिए।’’ उधर, तृणमूल कांग्रेस महासचिव एवं शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जनता ने ममता बनर्जी की ईमानदारी पर कभी सवाल नहीं उठाया। यह जानते हुए कि विधानसभा चुनाव में हार आसन्न है, माकपा, भाजपा और कांग्रेस ने षड्यंत्र रचने का सहारा लिया। हमें चिंता नहीं है।’’ इस मौके पर मौजूद तृणमूल कांग्रेस उपाध्यक्ष मुकुल राय ने सवाल किया, ‘‘वे गढ़े हुए वीडियो के साथ चुनाव से ठीक पहले क्यों आये। ये एक राजनीतिक षड्यंत्र है। हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि आखिरी फैसला जनता को करना है और वे ड़ेढ़ महीने बाद अपना चुनावी फैसला दे देंगे।

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