कोलकाता: लेफ्टफ्रंट का सबसे बड़ा धड़ा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है। इस बात का खुलासा पार्टी ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान किया और कहा कि पार्टी अब किसी कीमत पर कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
रविवार को आयोजित हुई सीपीआईएम मीट के बाद हुई वोटिंग में इस बात पर फैसला कर लिया गया कि वामपंथी दल आगामी आम चुनाव में अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि मीटिंग में यह भी तय किया गया कि पार्टी की ओर से पास इस प्रस्ताव को अप्रैल में हैदराबाद में होने वाली सीपीएम-कांग्रेस की बैठक में औपचारिक रूप से अपनाने के लिए रखा जाएगा।
इस संदर्भ में सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया कि आम चुनावों में सीपीआईएम के कांग्रेस के साथ जाने या न जाने को लेकर पिछले तीन दिनों से बहस हो रही थी। जिसमें प्रकाश करात का खेमा आम चुनावों में अकेले पार्टी के चुनाव लडऩे के पक्ष में था, जबकि दूसरा खेमा गठबंधन के लिए तैयार था। तीन दिनों तक इस मामले में मतभेद होने के कारण कोई नतीजा नहीं निकल सका।
येचुरी ने बताया कि सेंट्रल कमेटी की बैठक में मतदान कराकर प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें प्रकाश करात खेमा 55 के मुकाबले 31 वोटों से जीत गया और 2019 के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव लडऩे पर सहमति नहीं बन पाई। वैसे आने वाले दिनों में कोलकाता में हुई इस बैठक के प्रस्ताव को हैदराबाद में रखा जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के विचार को लेकर सीपीआईएम कई भागों में बंटी हुई है।