कोलकाता: कोलकाता में भाजपा मुख्यालय के बाहर और शहर में एक अन्य स्थान पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच शुक्रवार सुबह हुई झड़प में कई लोग घायल हुए हैं। भाजपा मुख्यालय के बाहर हमले के बाद पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था के हालात हाथ से निकल गए हैं। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सुबह करीब साढ़े दस बजे भाजपा मुख्यालय पर पथराव किया। जिसके बाद हुई झड़प में कई लोग घायल हो गए। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया और फिर हालात को काबू में किया गया। घोष ने पूछा, क्या यह है लोकतंत्र? उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के हालात पूरी तरह खराब हो चुके हैं। केवल राष्ट्रपति शासन ही राज्य में कानून-व्यवस्था के शासन को कायम कर सकता है।
हालांकि तृणमूल की मंत्री शशि पांजा ने आरोप लगाया कि राज्य में शांति और स्थिरता को बिगाड़ने के लिए भाजपा हिंसा का सहारा ले रही है।
उन्होंने कहा, भाजपा ने तृणमूल के कार्यकर्ताओं पर हमला किया। हमारी पार्टी भाजपा जैसी किसी भी सांप्रदायिक ताकत को राज्य की शांति को नुकसान नहीं पहुंचाने देगी।
इसके पहले दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच मध्य कोलकाता के जोराबागान इलाके में भी झड़प हुई थी। यह झड़प स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की मोटरसाइकिल रैली के दौरान हुई थी। भाजयुमो ने आठ दिन की मोटरबाइक रैली का आयोजन किया, जिसका समापन 18 जनवरी को होगा।
भाजपा नेता एवं पार्षद मीनादेवी पुरोहित ने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया और उनके साथ बहुत ही बुरी तरह मारपीट की। तृणमूल की स्थानीय विधायक स्मिता बक्शी ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि हिंसा के पीछे वे लोग हैं, जो बंगाल में कदम जमाने की कोशिश कर रहे हैं।
तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया कि झड़प इसलिए हुई क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके नेतृत्व के खिलाफ खराब बातें की और स्थानीय महिलाओं से खराब बर्ताव किया। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार शाम राज्यपाल केएन त्रिपाठी से मुलाकात करेगा और घटना के बारे में शिकायत करेगा।