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कोलकाता: रानाघाट नन दुष्कर्म कांड के मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को दोषी करार दिये गये सभी छह आरोपियों को बुधवार को बैंकशॉल कोर्ट के विचार भवन के बेंच (2) में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश कुमकुम सिन्हा ने सख्त सजा सुनाई।

सजा की जानकारी देते हुए सरकारी वकील अनिंद राउत ने बताया कि मुख्य आरोपी नजरूल इसलाम को नन के साथ रेप केस में मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। जबकि अन्य चार आरोपियों मिलन सरकार, ओहिदुल इस्लाम उर्फ बाबू, मोहम्मद सलीम शेख, और खालेद रहमान उर्फ मिंटू को डकैती के मामले में 10 वर्ष की सजा सुनाई गयी है। साथ ही 20 हजार रुपये जुर्माना भरने का भी निर्देश दिया गया है। जुर्माना नहीं भर पाने के एवज में ढाई वर्ष अतिरिक्त सजा काटने का निर्देश दिया गया।

न्यायाधीश ने मंगलवार को चारो आरोपियों को अपराधिक षड़यंत्र रचने के आरोप में भी दोषी करार दिया था। इस मामले में इन चारो को अदालत ने अलग से 10 वर्ष की सजा सुनाई। इसके साथ 10 हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया। जुर्माना नहीं भर पाने के एवज में अलग से ढाई वर्ष सजा काटने का निर्देश दिया है।

सभी आरोपियों को अपने घर में आश्रय देने के आरोप में दोषी छठे आरोपी गोपाल सरदार को अदालत ने सात वर्ष साश्रम कारादंड की सजा सुनाई। साथ ही उन्हें भी 10 हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है। जुर्माना नहीं भरने के एवज में डेढ़ वर्ष अतिरिक्त सजा का काटने का निर्देश दिया गया।

ज्ञात हो कि 14 मार्च, 2015 को रानाघाट के मिशनरी कंवेंट स्कूल सह चर्च में देर रात को छह बदमाशों ने घुस कर डकैती की घटना को अंजाम दिया था। वहां मौजूद नन के साथ एक बदमाश ने दुष्कर्म की जघन्य वारदात को भी अंजाम दिया था। इसके बाद राज्य पुलिस के सीआइडी की टीम ने इस मामले की जांच शुरू कर एक के बाद एक सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।

मामले की सुनवाई के दौरान कुल 42 गवाहों ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था। जिसके बाद अदालत ने बुधवार को सभी दोषियों को कड़ी सजा सुनाई।

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