ताज़ा खबरें

पुड्डुचेरी: मुख्यमंत्री वी़ नारायणसामी ने बुधवार को उपराज्यपाल किरण बेदी को चुनौती दी कि वह इस केंद्र शासित प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के अपने आरोप साबित करें। उपराज्यपाल बेदी ने छात्रों के चयन में अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद स्वत: बयान देते हुए नारायणसामी ने जोर देकर कहा कि केंद्रीकृत दाखिला समिति ने पुड्डुचेरी में शैक्षणिक वर्ष 2017-18 के दौरान निजी कॉलेजों में पीजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों के चयन की खातिर काउंसिलिंग कराने में स्वास्थ्य मंत्रालय, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों की ओर से जारी आदेशों का सख्ती से पालन किया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा पहली बार हुआ है कि पुड्डुचेरी सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश के छात्रों के लिए सरकारी श्रेणी के तहत आने वाले कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रमों में कुल सीट का 50 फीसदी कोटा हासिल कर लिया था, क्योंकि पहले किसी सरकार ने ऐसा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सीईएनटीएसी ने पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से काउंसिंलिंग संचालित की।’ उन्होंने कहा कि सरकारी श्रेणी के तहत 50 फीसदी कोटा भी निष्पक्ष तरीके से काउंसिलिंग के जरिए भरा गया।

चेन्नई: पुडुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी ने बुधवार को कहा कि वह एक 'रबड़ स्टांप नहीं हैं' और वह एक प्रशासक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं। गौरतलब है कि केन्द्र शासित प्रदेश में वी नारायणसामी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार का किरण बेदी से टकराव रहा है। उनका बयान निर्वाचित सरकार के साथ उनके टकराव की खबरों के बीच आया है। उपराज्यपाल ने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश से जुड़ी फाइलों को देखना उनका कर्तव्य है। उन्होंने यहां हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, मैं फाइलों की जांच करूंगी क्योंकि एक प्रशासक के तौर पर यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि विवेकपूर्ण वित्तीय व्यवस्था, निष्पक्षता, न्याय और (वह) सबकुछ बजट के भीतर है या नहीं। बेदी ने आरोप लगाया कि पुडुचेरी सरकार चाहती है कि वह उनके फाइलों पर मुहर लगाने वाली और एक ‘रबड़ स्टांप’ के रूप में काम करें लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगी।

पुडुचेरी: सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल अन्नाद्रमुक (अम्मा) के विधायकों ने आज (गुरूवार) पुडुचेरी विधानसभा में उपराज्यपाल किरण बेदी का विरोध किया तथा उनके द्वारा सरकार, विधायकों का अपमान करने तथा विकास कार्यों को अवरूद्ध करने की बात करते हुए उन्हें वापस बुलाने की मांग की। विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के पहले दिन लेखानुदान विधेयक ध्वनिमत से पारित होने के बाद अन्नाद्रमुक विधायक ए़ अंबालगन द्वारा शुरू की गयी चर्चा में भाग लेते हुए विधायकों ने कहा कि सदन को एक प्रस्ताव पारित कर केन्द्र से बेदी को वापस बुलाने की मांग करनी चाहिए। अंबालगन ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के समक्ष रखे जाने वाले कैबिनेट के फैसलों को मंजूरी देने में बेदी देरी करती हैं। इससे संघ शासित प्रदेश में विकास कार्य प्रभावित होते हैं। कांग्रेस विधायकों के़ लक्ष्मीनारायणन और आरकेआर आनंदरमण ने भी बेदी की आलोचना की और एक प्रस्ताव लाकर पूर्व आईपीएस अधिकारी को वापस बुलाने की मांग केन्द्र से करने को कहा। विधायकों ने नगर आयुक्त आऱ चन्द्रशेखर के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।

पुडुचेरी: अपने और कांग्रेस सरकार के बीच बढ़ते मतभेद के बीच पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने आज (शनिवार) कहा कि वह दो वर्ष पूरे होने पर अगले साल मई में अपना पद छोड़ देंगी। उन्होंने बताया, मैंने यहां अपने को एक कार्यकाल दिया है। मैं पुडुचेरी में 29 मई, 2018 को जब दो साल पूरे कर लूंगी तब अपना पद छोड़ दूंगी। उन्होंने कहा कि वह पहले ही इसके बारे में अपने वरिष्ठों को बता चुकी हैं। उनके इस बयान से एक ही दिन पहले कल कांग्रेस के एक विधायक ने अधिकारियों पर सरकारी संवाद के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा रोक लगाये जाने संबंधी आदेश को उपराज्यपाल द्वारा खारिज करने के आलोक में उनके कामकाज की शैली को लेकर केंद्रीय गहमंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन भेजकर शिकायत की थी। 29 मई, 2016 को पुडुचेरी के उपराज्यपाल का पदभार संभालने वालीं पूर्व आईपीएस अधिकारी ने अपराध एवं भ्रष्टाचार को रोकने तथा इस संघशासित क्षेत्र को कचरामुक्त बनाने समेत कई कदम उठाए हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख