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पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में 65 साल से अधिक उम्र वाले मतदाता अब पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान नहीं कर पाएंगे। चुनाव आयोग ने चुनौतियों का हवाला देते हुए अपना हाथ पीछे खींच लिया है। अब सिर्फ 80 साल से अधिक उम्र वाले, दिव्यांग और कोरोना वायरस से ग्रसित लोग ही पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर पाएंगे। यह नियम बिहार चुनाव के अलावा अन्य उपचुनावों पर भी लागू होगा।

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों के बाद हमने कई बदलाव किए हैं। लोगों की सुविधा और खासकर बुजुर्गे लोगों का ध्यान रखते हुए पहले ही हमने हर मतदान केंद्र पर 1000 मतदाताओं की संख्या तय कर दी है। किसी भी मतदान केंद्र पर एक हजार से अधिक मतदाता नहीं होंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि हमने कोरोना को ध्यान में रखते हुए पहले ही 34 हजार अतिरिक्त मतदान केंद्र बना दिया है। हम पोलिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाकर एक लाख से अधिक करने की योजना भी बना रहे हैं।

बता दें कि कानून और न्याय मंत्रालय ने चुनाव आयोग की सिफारिश पर 19 जून को नियमों में संशोधन करते हुए 65 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की अनुमति दे दी थी। चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बनी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया था, जिस पर सरकार की मुहर भी लग गई थी। हालांकि अब चुनौतियों के कारण चुनाव आयोग ने इसे फिलहाल रोकने का फैसला किया है।

पोस्टल बैलेट के जरिए सशस्त्र बल और चुनाव कार्य में लगे अधिकारी ही पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर सकते थे। इस साल फरवरी के महीने में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इसमें विस्तार देते हुए चुनाव आयोग ने गंभीर रूप से दिव्यांग और 80 साल से अधिक उम्र वालों को भी शामिल कर लिया था। पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा में अन्य लोगों को जोड़ने का काम पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ही हुआ।

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