पटना: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने यहां शनिवार को कहा कि राजनीति में विकल्प की तलाश नहीं, बल्कि विकल्प की राजनीति होनी चाहिए। इसकी शुरुआत अब हो चुकी है। लोकतंत्र में किसी पर अपनी विचारधारा थोपी नहीं जा सकती है। गृह राज्य बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को पटना पहुंचे कन्हैया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, देश अभी जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें सिर्फ कथनी की बात हो रही है, करनी की नहीं। कथनी और करनी में काफी अंतर है। हम ऐसी विचारधारा के खिलाफ खड़े हुए हैं जिसमें व्यक्ति विशेष की बात की जा रही है। राजद्रोह के आरोप का सामना कर रहे छात्र नेता ने कहा कि अब विकल्प की राजनीति शुरू हो चुकी है। ऐसे में तमाम दलों को एकजुट होकर इस लड़ाई में एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत माता के हाथ से तिरंगा हटाकर भगवा ध्वज थमाने की कोशिश की जा रही है, समाज में असहिष्णुता बढ़ रही है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, राज्य में शराबबंदी से पहले आबकारी नीति का मूल्यांकन होना चाहिए था। शराबबंदी ठीक है, लेकिन पूर्ण शराबबंदी लागू नहीं होनी चाहिए।
पटना पहुंचने पर कन्हैया ने पत्रकारों से कहा, मैं बिहार में जन्मा हूं और यहां का बेटा हूं। हमारी जड़ें बिहार से जुड़ी हैं और मैं अपने प्रदेश को अच्छी तरह से जानता हूं। मेरी बातों से उपजे राजनीतिक विवादों के बाद पहली बार बिहार आया हूं। यहां आकर अच्छा लग रहा है। मैं यहां अपनी बात कहने आया हूं। मैं यही चाहता हूं कि यहां के लोग मेरी बातों को समझें-जानें। इससे पहले, कन्हैया के पटना हवाई अड्डा पहुंचने पर वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं तथा युवाओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। कन्हैया पटना पहुंचने के बाद सबसे पहले गांधी मैदान गए और वहां स्थापित शहीद-ए-आजम भगत सिंह व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वह कारगिल स्मारक गए और शहीदों को याद किया। इसी क्रम में कन्हैया ने वीर कुंवर सिंह और जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। कन्हैया अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के कई नेताओं से भी मिलेंगे। कन्हैया पटना के एसके मेमोरियल हॉल में एक मई को आयोजित जेएनयू एल्युमनी मिलन समारोह में भी शिरकत करेंगे। 2 मई को कन्हैया दिल्ली लौट जाएंगे।