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मधेपुरा: सुपौल में महागठबंधन उम्मीदवार और कांग्रेस नेता रंजीत रंजन के समर्थन में आयोजित सभा में राहुल गांधी के साथ तेजस्वी के नहीं होने पर चल रही विभिन्न अटकलों पर खुद तेजस्वी यादव ने विराम लगा दिया। मधेपुरा में शनिवार की देर शाम एक होटल में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रेसवार्ता कर कहा कि गठबंधन में किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि सुपौल में निर्दलीय प्रत्याशी से राजद का कोई वास्ता नहीं है। महागठबंधन में सभी नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है। इस कारण से वे सुपौल में सभा नहीं कर सके। आगे वे राहुल गांधी एक मंच पर भी दिखाई देंगे।

घबराहट के कारण ही लालू प्रसाद से मिलने पर रोक

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि दो चरणों का चुनाव संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबराहट में आ गए हैं। घबराहट के कारण ही लालू प्रसाद से किसी के मुलाकात करने पर रोक लगा दी है। शनिवार को उनसे तीन लोगों के मिलने की स्वीकृति थी।

लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देकर किसी को मिलने से रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि करीब 10 दिन पहले उन्हें भी पिता लालू प्रसाद से नहीं मिलने दिया गया था। जबकि उस दिन भी शनिवार ही था।

लालू प्रसाद के साथ अमानवीय व्यवहार

तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के इशारे पर लालू प्रसाद के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उन्हें दबाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि उन्हें सबसे ज्यादा डर लालू प्रसाद से ही है। राजनीतिक षड्यंत्र के तहत हर दिन उनके कमरे में छापेमारी कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता का अस्पताल में ठीक से इलाज भी नहीं कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में उनके साथ कुछ होने पर बिहार और झारखंड की जनता के सड़क पर उतरने की स्थिति में जिम्मेदार कौन होगा। प्रेसवार्ता के दौरान राज्यसभा सदस्य मनोज झा, विधायक प्रो. चंद्रशेखर, राजद के प्रदेश महासचिव ई. प्रभाष मौजूद रहे।

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