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पटना: मोकामा विधायक अनंत सिंह ने विधानसभा में विधायक के रूप गुरुवार को शपथ ली। अनंत सिंह चुनाव जीतने के बाद विधायक पद की शपथ सदन में नहीं ली थी। गुरुवार को उन्हें विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। फिलहाल वे बेऊर जेल में बंद हैं और कई मामलों में आरोपी भी हैं। हाईकोर्ट ने हाल में सरकार से कहा था कि अनंत सिंह को विधायक पद की शपथ दिलायी जाए। ‘छोटे सरकार’ के नाम चर्चित अनंत पर हत्या और अपहरण के कई मामले हैं। चार बार से वे मोकामा विधानसभा का प्रतिनिघित्व कर रहे हैं। कहा जाता है कि वे मर्सिडीज से बग्घी की सवारी के शौकीन हैं। हालांकि उनपर कई संगीन मामले हैं, लेकिन हाल में ही दो मामलों में उन्हें कोर्ट ने जमानत दी है। हर जगह था उनका खौफ: कहा जाता है कि अपराध, राजनीति और पुलिस में उनका खौफ था। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने से डरती थी। लेकिन वक्त ने करवट ली और अनंत सिंह को गिरफ्तार होना पड़ा।

उनके परिवार की किसी महिला को बाढ़ बाजार में चार लड़कों ने छेड़ दिया। उसके बाद विधायक के गुंडों ने उन चारों लड़कों को उठा लिया और खूब पिटाई। एक की मौत हो गई। मौत भी भयानक थी कहा जाता है कि उसकी दोनों आंखें निकाल ली गई थी। एएसपी राणा ने दिखाया दम: पटना एसएसपी जितेंद्र राणा ने पूरे मामले की जांच की तो पाया कि विधायक अनंत सिंह के इशारे पर यह काम किया गया था। लेकिन जितेंद्र जबतक कोई कार्रवाई करते उनका तबादला कर दिया गया। तबादले के बाद नए एसएसपी विकास वैभव ने उनके काम को पूरा किया। 24 जून को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तब से वे जेल में बंद थे। 2015 में मोकामा से विधायक बनने से पहले जदयू के टिकट पर वे चुनाव लड़े। लेकिन राजद और जदयू के गठबंधन होने के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। मोकामा वे निर्दलीय लड़े और जीत हासिल की। कई बार पुलिस से मुठभेड़: ऐसा कहा जाता है अनंत सिंह का पुलिस के साथ कई बार मुठभेड़ हुआ। एसटीएफ के साथ 2004 में अनंत सिंह की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें अनंत सिंह के आठ लोग मारे गए थे। उनके ऊपर कत्ल, अपहरण, फिरौती, डकैती और बलात्कार जैसे कई संगीन मामले हैं। बाढ़ थाने में उनपर 23 मामले दर्ज हैं।

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