पटना: मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से ग्रामीण क्षेत्रों पूर्ण शराब बंदी लागू हो रही है। इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कड़े कानून बनाए जा रहे हैं। इसमें मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान होगा। जल्द ही संबंधित विधेयक विधान मंडल में पेश होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहरीली शराब बनाने वालों को कड़ी सजा देने का प्रावधान किया जा रहा है। जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो उस शराब को बनाने वाले को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा मंगलवार को बिहार दिवस समारोह के उद्घाटन के अवसर पर गांधी मैदान में की। कहा कि अभी देसी और मसालेदार शराब पर रोक और गांवों में विदेश शराब पर भी पाबंदी लगाई जा रही है। अगले चरण में शहरों में भी शराब बंदी होगी। शराब बंदी को कड़े कानून के साथ-साथ जन सहयोग के माध्यम से लागू किया जाना है। खास कर महिलाओं का इसमें अधिक सहयोग चाहिए।
इससे संबंधित शिकायत करने के लिए निबंधन और उत्पाद विभाग और डीजीपी के कार्यालय में हेल्पलाइन नंबर होगा। इस नंबर पर शिकायत करते ही उस पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में शराब बंदी लागू है, पर वहां इसकी होम डिलिवरी होती है। ऐसा बिहार में नहीं होने देंगे। बिहार में इसे इस तरह लागू करेंगे कि देश के कोने-कोने से आवाज आएगी कि बिहार जैसा शराब बंदी लागू करो। बिहार को शराब से पूर्ण रूप से मुक्त करने के लिए आज सभी संकल्प लें। स्कूलों के बच्चे अपने अभिभावकों से संकल्प लिखवा रहे हैं कि वे शराब कभी नहीं पीएंगे। हर जिले में नशा विमुक्ति केंद्र स्थापित हुए हैं। यहां डॉक्टर बताएंगे कि कैसे शराब की लत आसानी से छोड़ी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चयों को पूरी तरह धरातल पर उतारेंगे। इसके तहत घर-घर बिजली, शौचालय और नल से पानी, हर मोहल्ले में पक्की गली और पक्की नाली, बच्चों को शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, स्किल डेवलपमेंट आदि कार्य होंगे। विद्यार्थियों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बिहार विकास मिशन का गठन किया गया है।