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पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आरएसएस के गणवेश में खाकी निकर की जगह अब भूरे रंग की पतलून होने की घोषणा का सोमवार को स्वागत किया। उन्होंने गत जनवरी महीने में आरएसएस के ड्रेस कोड को लेकर आपत्ति जतायी थी। बिहार विधान परिषद के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए राबड़ी ने आरएसएस के उक्त घोषणा का स्वागत करते आज कहा उनके द्वारा आपत्ति जताए जाने पर यह बात उनके मन में घर कर गयी होगी। इसलिए उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और अब हाफ पैंट की जगह पतलून का इस्तेमाल करेंगे जो कि स्वागत योग्य है। उल्लेखनीय है कि गत 17 जनवरी को राजद प्रमुख के फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के अवसर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान राबड़ी ने आरएसएस सदस्यों के लिबास पर कटाक्ष करते हुए कहा था ‘आरएसएस में बूढा-बूढा आदमी हाफ पैंट पहनते हैं। आरएसएस कैसा संगठन है जहां बूढ़े भी हाफ पैंट पहनते हैं।

लोगों के सामने इन्हें हाफ पैंट पहनकर आने में शर्म नहीं आती।’ राबड़ी की इस टिप्पणी पर बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने खारिज करते हुए उन्हें 19वीं शताब्दी की महिला बताया था। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के नागौर में आरएसएस की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की आयोजित तीन दिवसीय सालाना बैठक में कल पिछले 91 साल से इस संगठन की पहचान रहे खाकी रंग की निकर की जगह भूरे रंग की पतलून होने का फैसला लिया गया। आरएसएस के समृद्ध लोगों के लिए आरक्षण नहीं दिए जाने वकालत किए जाने के बारे में पूछे जाने पर राबड़ी ने कहा कि गरीब, आर्थिक रूप से पिछड़े और महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब, आर्थिक रूप से पिछडे और महिलाओं को न्यायपालिका में भी आरक्षण मिलना चाहिए।

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