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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

पटना: पटना हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में पॉलीथीन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कारवाई करने का निर्देश दिया है। जस्टिस डॉ रवि रंजन की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस समस्या को सुलझाने के लिए आमलोगों को भी जागरूक बनाने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा है कि पॉलीथिन का इस्तेमाल करने से पूरी निकासी व्यवस्था चरमरा गई हैं। कोई भी ऐसी सड़क नहीं है, जहां सड़क पर सब्जी और फल नहीं बेचे जाते हो। कोर्ट इस मामले पर भी 31 अगस्त को सुनवाई करेगी।

साथ ही हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि पॉलीथीन की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण के लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार नहीं है। आमलोगों को भी पॉलीथिन के हानिकारक प्रभाव के संबंध में जागरूकता फैलानी होगी। साथ ही गया जिला प्रशासन ने इस मामले में कहा है कि बोधगया में पॉलीथीन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बारे में भी पटना हाईकोर्ट ने गया जिला प्रशासन को बोधगया को पॉलीथिन फ्री जोन घोषित करने का निर्देश दिया है।

आपको बता दें कि कुछ समय पहले पटना को स्वच्छता के मामले में भी पटना को 312वां रैंक मिला था. पटना की स्वच्छता के मामले में हालत पहले से भी अधिक बदतर हुई है। लेकिन सरकार इसको लेकर फिलहाल कोई ठोस कदम उठाते नजर नहीं आ रही है। अगर पॉलीथिन प्रदूषण से इतर सफाई की बात करें तो पटना नगर निगम ने गंदगी उठाने के लिए 300 रिक्शे खरीदे लेकिन आज ये सिर्फ नगर निगम कैंपस में धूल खा रहे हैं। अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के निर्देशों को कितनी गंभीरता के साथ लिया जाता है और इसे मद्देनजर क्या कड़े कदम उठाए जाते हैं।

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