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पटना: भले ही भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल में कई खाद्यानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को अपनी बड़ी उपलब्धि बता रहे हों, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि इससे किसानों की सभी समस्या का समाधान नहीं होगा। नीतीश ने सोमवार को साफ़-साफ़ कहा कि जैसा केंद्र सरकार के कृषि बीमा योजना की जगह, उन्होंने फ़सल सहायता योजना की शुरुआत की। उसी तरह जब तक किसानो को इनपुट सब्सिडी की व्यवस्था नहीं होती, तब तक उनकी लागत कम नहीं होगी।

नीतीश कुमार ने फ़िलहाल बिहार के चार जिलों में ऑर्गेनिक सब्ज़ी के उत्पादन पर इनपुट सब्सिडी की योजना पाइलट परियोजना के रूप में शुरू की है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की पूंजी घट जाएगी। इससे लागत कम होगी और नुक़सान होने पर उन्हें ज़्यादा भार नहीं वहन करना होगा। हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जो विवाद शुरू हुआ है, उस पर नीतीश ने कहा कि इस पर केंद्र की एक संस्था बनी हुई है और वही इसका समाधान कर सकती है।

लेकिन नीतीश ने माना कि फ़िलहाल पूरे देश में चावल और गेहूं के अधिप्रपति की व्यवस्था हैं जो सीधे पीडीएस में जाता है, लेकिन अन्य खाद्यान के बारे में भंडारण की व्यवस्था है इसलिए केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा देने से किसानों की समस्या का हल नहीं हो जाएगा।

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