पटना: भाजपा और जद(यू) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बडे पुत्र तेज प्रताप यादव के उस कथन की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अपनी मां के घर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ‘‘नो एंट्री’’ का बोर्ड लगवाना चाहते हैं। तेजप्रताप का यह बयान उनके छोटे भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के हाल में दिए गए उस बयान कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी अब संभव नहीं है, के बाद का आया है। महागठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि लालू परिवार में हर कोई आंतरिक पावर सेंटर बनने की लड़ाई जीतने के लिए बढ़-चढ़ कर बयानबाजी कर रहा है। सुशील ने ट्वीट आरोप लगाया कि पारिवारिक राजनीति की विरासत के जिन दो सपूतों को नीतीश कुमार के चेहरे पर विधानसभा में पहली बार इंट्री मिली, वे सारे लोक-लिहाज ताख पर रखकर अपने घर मुख्यमंत्री के लिए ‘नो इंट्री’ का बोर्ड लगवाना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि अगले चुनाव में बिहार की जनता उन्हें नो इंट्री का बोर्ड दिखाने वाली है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के लिए तेजप्रताप के उक्त बयान पर कडी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने फोन पर बताया कि ऐसा लगता है कि दोनों भाइयों में यह साबित करने की होड मची हुई है कि कौन किससे अधिक अपशब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमारी वंशवाद कर राजनीति के खिलाफ विचार सच साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने सिद्धांत के तहत महागठबंधन से नाता तोडा था और राजद के साथ नाता जोडना हमारे लिए अपमानजनक होगा।
त्यागी ने यह भी कहा दोनों भाइयों को इसका भी एहसास होना चाहिए था कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद भारतीय परंपरा के अनुसार नीतीश जी ने तेज प्रताप की शादी में भाग लिया और लालू जी का ऑपरेशन होने पर उन्हें फोन कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों को अपनी सीमाओं में रहना सीखने की जरूरत है।