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पटना: पटना हाई कोर्ट ने राजद के पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को 12 साल पुराने तेजाब फेंककर दो सगे भाईयों की हत्या के मामले में आज जमानत दे दी। न्यायधीश अंजना मिश्र और न्यायधीश आर. के. मिश्र ने साक्ष्य के अभाव में आज शहाबुद्दीन को जमानत दे दी। पिछले वर्ष 11 दिसंबर को सिवान जिला के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अजय कुमार श्रीवास्तव ने 16 अगस्त 2004 को दो सगे भाईयों गिरीश और सतीश का अपहरण कर उनकी हत्या के मामले में शहाबुद्दीन, राजकुमार साह, शेख असलम और आरिफ हुसैन को भादवि की धारा 302, 364 ए, 201 तथा 120 बी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। शहाबुद्दीन के वकील वाई वी गिरी ने अपने मुवक्किल के बेगुनाह होने का अदालत से आग्रह होते हुए बहस के दौरान दलील पेश की कि उनका नाम इस कांड में 62 महीने के बाद डाला गया।

16 अगस्त 2004 को सिवान शहर के गौशाला रोड निवासी चंद्रशेखर प्रसाद के तीन पुत्रों का अपहरण कर राजकुमार साह, शेख असलम और आरिफ हुसैन हुसैनगंज थाना अंतर्गत प्रतापपुर गांव ले गए जिनमें दो गिरीश और रौशन के शरीर पर तेजाब उडेल दिए जाने से उनकी मौत हो गयी जबकि तीसरा राजीव रौशन फरार होने में सफल रहा। गिरीश और रौशन का शव बरामद नहीं हो सका था। इस मामले में मृतकों की मां कलावती ने शहाबुद्दीन पर उनके तीनों पुत्रों के अपहरण और उनमें से दो की हत्या को साजिश रचने का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद और उक्त तीनों गुर्गो के खिलाफ स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस घटना के एक मात्र चश्मदीद गवाह राजीव रौशन जो कि अदालत के समक्ष पेश होकर इस मामले में गवाही दी थी की गत वर्ष 16 जून को अज्ञात हमलावारों द्वारा हत्या कर दी गयी थी। उल्लेखनीय है कि हत्या सहित अन्य आपराधिक मामलों में शहाबुद्दीन पिछले कई वष्रो से सिवान केंद्रीय कारा में बंद हैं।

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