पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीबीसी के एक जर्नलिस्ट को उद्धरित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शनिवार को प्रहार किया और दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं करने के कारण उनके समर्थकों की संख्या घटती जा रही है। बिहार विधानमंडल के समवेत सदन में राज्यपाल रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि ब्रिटेन के एक जर्नलिस्ट हैं लेंस प्राईस, जो वहां के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के साथ भी जुड़े हुए थे और उन्होंने 2014 में ‘मोदी इफेक्ट’ नामक पुस्तक लिखी थी पर अब वे लिख रहे हैं कि जबकि वे प्रधानमंत्री हैं ‘मोदी इफेक्ट’ ‘मोदी डिफेक्ट’ हो गया है। यह 25 फरवरी को जारी ओपेन मैगजीन में छपा है ‘मोदी इफेक्ट’ बिकम्स ‘मोदी डिफेक्ट’। उन्होंने कहा, ‘‘समझ लें भाजपा वाले कि अब ‘मोदी इफेक्ट’ ‘मोदी डिफेक्ट’ में परिणत हो गया है।
अब लाख कोशिश कीजिए यह नहीं बदल सकता, केवल काम से ही बदल सकता है। बात करने से काम नहीं चलेगा काम करना होगा। मौका है अभी दो ही साल बीता है, दो साल और है क्योंकि अंतिम साल तो केवल राजनीति होती है। देश को बांटने वाली ये सारी कोशिशें छोड़िए।’’ नीतीश ने कहा, ‘‘देश के लोगों ने आपको जो वोट दिया, पर हर बार इस प्रकार का विवाद चलाते हैं और असहिष्णुता का माहौल पैदा करते हैं चाहे लव जिहाद, घर वापसी कहिए, गौमास का मुद्दा उठाईए, जेएनयू का प्रकरण अथवा हैदराबाद में रोहित वेमुला की हत्या मामला उठता है। आपके समर्थकों की संख्या घटती जा रही है। जो जोरशोर से आपके पक्ष में बोलते थे अब वे आप के प्रति अपनी राय बदलने लगे हैं। वक्त है चेत जाइये। विभाजन की राजनीति को छोड़िए, सबका साथ लेकर चलने की कोशिश कीजिए और बिहार जैसे गरीब राज्य के उद्धार के लिए जो कहें हैं उसको कीजिए, पैकेज दीजिए, विशेष राज्य दर्जा दीजिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘काला धन वापस लाकर हर गरीब को 15 से 22 लाख रुपये मुफ्त में यूं ही मिल जाने के वादे को पूरा करना होगा, युवाओं को रोजगार देना होगा, देश की तरक्की करनी होगी, सबका साथ लेना होगा।’’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘हमने उस समय भी हर जनसभा में कहा था कि सरकार बना लेना आसान है पर देश चलाना कठिन है। सरकार बना लेने के समय जो बात ये कर रहे थे वही बात वे आज भी कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल आर्थिक मोर्चे पर पर बुरी तरह विफल हो चुकी है केंद्र सरकार, बैंको की हालत खराब है, शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण आया है। यह 7.5 प्रतिशत विकास दर का दावा कर रहे हैं जो कि नोमिनल ग्रोथ कर रहे हैं। रुपये की कीमत घट गयी है, उसका आकलन करके बताएं न कि रियल ग्रोथ रेट क्या है। 7.5 प्रतिशत विकास दर का जो दावा कर रहे हैं अगर सही मायने में देखा जाए तो रियल ग्रोथ बहुत नीचे होगा।’’ नीतीश ने कहा, ‘‘कई अर्थशात्रियों की मान्यता है कि कहीं चार प्रतिशत के आसपास न हो। लेकिन अपना पैमाना बदल देते हैं। आंकड़ों के भ्रमजाल में लोगों को जिलाना चाहते हैं, लेकिन ज्यादर लोगों को दिखता नहीं है कि नोमिनल ग्रोथ क्या है और रियल ग्रोथ क्या है। ऐसे में सभी 7.5 प्रतिशत विकास दर का ढोल बजाते रहेंगे जो कि है नहीं, बुरा हाल है। किस चीज में तरक्की हो रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा में पेश रेल बजट को बजट नहीं होने बल्कि उसमें केवल बातें बनायी गयी हैं और अब 29 फरवरी को आम बजट को देखना है, उसके बाद उसपर टिप्पणी करेंगे। नीतीश ने कहा, ‘‘ये हर मोर्चे पर विफल हैं इसलिए समाज को बांटने की कोशिश में लगे हैं। जिस प्रकार का वातावरण देश में निर्माण कर रहे हैं। असहिष्णुता का वातावरण। सबका साथ सबका विकास आदि नारे देकर तथा तरह-तरह की बातें कर जीतकर तो आए पर जीतने के बाद सबसे पहला अभियान लव जिहाद का चलाया और उसके बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव के पहले घर वापसी का तथा उसके बाद बिहार के चुनाव के दौरान बीफ और गौमांस को लेकर दुष्प्रचार किया गया और अब देशभक्ति की बात कर रहे हैं। इनसे किसी को देशभक्ति का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए।