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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना है कि प्रदेश की राजधानी पटना की गंदगी देखकर उन्हें शर्म महसूस होती है। मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों के सामने पटना के मेयर अफजल इमाम की जमकर क्लास लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर का कचरा देखकर उन्हें परेशानी होती है। मेयर को दोटूक शब्दों में नीतीश ने कहा कि अधिकारियों के साथ लड़ने में वे बेवजह अपना समय बर्बाद नहीं करें। चेतावनी भरे लहजे में उन्होंने कहा कि सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि सरकार आखिर ऐसी हालत में कब तक मूक दर्शक बनी रह सकती है। किसी सार्वजनिक मंच से नीतीश ने पहली बार नगर विकास विभाग और खासकर पटना शहर के मेयर पर गुस्सा उतारते हुए कहा कि कृपा कर वे नगर की साफ़ सफाई और विकास पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि अगर काम कीजियेगा तो कोई नहीं हिलाएगा। नीतीश ने कहा कि अगर मेयर विवादों से बचे तो सरकार की जग हंसाई कम होगी। फ़िलहाल कोई भी व्यक्ति जो यहां रहता है या बाहर से आता है, शहर की हालत देखने के बाद या आलोचना कर जाता है या दुखी हो जाता है लेकिन सरकार मजबूर है।

नीतीश ने दावा किया कि शहर के रखरखाव के और सफाई के कामों के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है, लेकिन दिक्कत यह है कि राशि खर्च नहीं हो पाती। हालांकि स्मार्ट सिटी की सूची में बिहार के एक भी शहर का नाम न होने पर नीतीश ने कहा कि केंद्र इस योजना के तहत 5 वर्षों के लिए एक शहर को 500 करोड़ देगा जो पर्याप्त नहीं है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिलकर अपना विरोध भी जता दिया है। बाद में मेयर अफजल इमाम ने माना कि मुख्यमंत्री का दर्द सही है, सफाई के लिए सब लोग चिंतित हैं, लेकिन अधिकारियों से जो सहयोग मिलना चाहिए, वह नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें केवल नसीहत नहीं दी बल्कि नगर विकास विभाग के अधिकारियों को चेतावनी भी दी।

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