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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार के खिलाफ प्रमाण सौंपे भारत सरकार। यह मेरी मांग है। देश की जनता के सामने पूरा सच आना चाहिए। यह कोई साधारण घटना नहीं है। देशद्रोह के खिलाफ हर कोई है। लेकिन, किसी पर भी बिना किसी प्रमाण के देशद्रोह का मुकदमा कैसे कर दिया गया। अपनी विचारधारा को थोपने के लिए भाजपा की सरकार ने छात्र पर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के लोग देशभक्ति की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। जो उनकी विचारधारा को नहीं मानता वह, देशद्रोही है उनकी नजर में। जेएनयू जैसी प्रतिष्ठित संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। आरएसएस से जुड़ी संस्था अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा उसका गला घोंटा जा रहा है। यह संस्था सभी विश्वविद्यालयों को अपने अनुसार चलाना चाहती है। जेएनयू की स्वस्थ परंपरा रही है। इस मामले में मुझे केंद्र सरकार की अकारण जेएनयू पर नाराजगी नजर आ रही है। मैं कन्हैया से मिल चुका हूं। वे बेगूसराय के रहने वाले हैं। मैंने भी यू-ट्यूब पर जेएनयू के कार्यक्रम को देखा है। आरोप लगाने वाले ही नारा लगा रहे हैं।

मुख्यमंत्री सोमवार को जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेएनयू में सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई एमएल के लोग सक्रिय रहे हैं। उन पर कोई देश द्रोह का आरोप लगाए, यह कोई विश्वास नहीं करेगा। आर्थिक मोर्चे पर फेल है केंद्र सरकार : मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार फेल हो चुकी है। विकास की दर घट गई है। पेट्रोलियम पदार्थों की विश्व में कीमत घटी है। उसका फायदा भारत नहीं उठा सका। इन सब नाकामियों को छुपाने के लिए केंद्र सरकार ने जेएनयू मामला उठाया है।

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