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भोपाल: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की गुरुवार यानि आज 75वीं जयंती है। इस मौके पर मध्यप्रदेश कांग्रेस को राम की याद आई है। कांग्रेस ने स्थानीय अखबारों में विज्ञापन दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि राजीव गांधी के कार्यकाल में ही सबसे पहले 'रामराज्य' की नींव रखी गई थी।विज्ञापन में कहा गया है कि 1985 में राजीव गांधी की कोशिशों से दूरदर्शन पर रामायण का प्रसारण शुरू हुआ और 1986 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को राम जन्मभूमि स्थल के ताले खोलना पड़े थे।

कांग्रेस ने अपने विज्ञापन में 21वीं सदी के आधुनिक भारत के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखने का श्रेय कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया है। कांग्रेस ने दावा किया है कि राजीव गांधी के कार्यकाल में ही सबसे पहले राम राज्य की नींव रखी गई थी। राजीव गांधी ने देश वासियों के लिए 21वीं सदी के आधुनिक भारत के निर्माण की कोशिश के साथ ही भारतीयों की आस्था और धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया था।

धार: पढ़ाई की अहमियत को समझते हुए मध्य प्रदेश के धार जिले के एक गांव का 38 वर्षीय गरीब एवं अनपढ़ व्यक्ति अपने बेटे को 10वीं बोर्ड की पूरक परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र में साइकिल में बैठाकर ले गया। शोभाराम नाम के इस व्यक्ति ने अपने बेटे की परीक्षा तिथि से एक दिन पहले सोमवार को करीब तीन-चार दिन के खाने-पीने के सामग्री के साथ सफर शुरू किया और रात में बीच में एक जगह पर कुछ समय के लिए विश्राम किया। सही वक्त पर मंगलवार सुबह धार शहर में स्थित भोज कन्या विद्यालय में बने परीक्षा केन्द्र पर अपने बेटे को परीक्षा देने के लिए पहुंचा दिया।

मालूम हो कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले कई महीनों से बस सेवा बंद हैं। इस व्यक्ति के पास अपने बच्चे को परीक्षा केन्द्र ले जाने के लिए साइकिल के अलावा कोई अन्य साधन नहीं था और पैसे की तंगी के कारण न ही वह टैक्सी या अन्य कोई साधन अपने बेटे को मुहैया करवा सकता था।

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का सरकारी नौकरियों में अन्य राज्यों के उम्मीदवारों की भर्ती पर रोक लगाने का निर्णय उप चुनाव में क्या गुल खिलाएगा यह तो समय ही बताएगा।  किन्तु उनके इस फैसले के पीछे सबसे बड़ा कारण 27 विधानसभा सीटों पर होने वाला उप चुनाव माना जा रहा है। मध्यप्रदेश के इन उप चुनावों में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। 

व्यापम की ओर से आयोजित परीक्षाओं का घोटाला सामने आने के बाद राज्य में सरकारी नौकरियों पर एक तरह से ब्रेक लगा हुआ है। इस कथित घोटाले से शिवराज सिंह की राजनीतिक छवि पर भी धक्का लगा था और चुनावों में भाजपा सरकार भी निकल गई थी। लगातार तेरह साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह की लोकप्रियता में कमी को भी हार की बड़ी वजह माना गया था। प्रदेश में कांग्रेस भी शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले का खुलकर विरोध नहीं कर पा रही है। शिवराज सिंह के पिछले कार्यकाल में भी अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी देने पर रोक लगाने की कोशिश की गई थी,  लेकिन तब सफलता हाथ नहीं लगी थी।

इंदौर: मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के एक और मंत्री को कोरोना हो गया है। उज्जैन दक्षिण से विधायक और मध्य प्रदेश कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्विटर हैंडल पर दी। यहां ध्यान देने वाली बात है कि दो-तीन दिन पहले ही मोहन यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दिखे थे।

मंगलवार की रात मंत्री मोहन यादव ने ट्वीट किया और लिखा, 'मेरी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं इंदौर के अरबिंदो अस्पताल आया हूं। हालांकि, भगवान महाकाल की कृपा से मैं ठीक हूं।' 

पिछले तीन दिनों में मंत्री मोहन यादव इंदौर में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इतना ही नहीं, उज्जैन में एक धार्मिक कार्यक्रम में भी वह शामिल हुए थे। बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के उज्जैन आगमन के दौरान उनके साथ सभी कार्यक्रमो में वह शामिल हुए थे। उन्होंने सिंधिया के साथ कई घंटे तक वक्त बिताया था। 

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