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भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर एक बार फिर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि मध्यप्रदेश के मतदाताओं ने 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सच्चाई को वोट दिया है। भाजपा को महसूस हो गया है कि वह बड़ी हार का सामना करने वाली है, इसलिए वे फिर से 'हॉर्स ट्रेडिंग' की कोशिश कर रहे हैं। कमलनाथ ने दावा किया कि कई निर्दलीय विधायकों के साथ संपर्क किया गया है।

मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर मंगलवार को हुए उपचुनाव के नतीजे 10 नवंबर को सामने आएंगे। उपचुनाव के ये परिणाम न केवल प्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे, बल्कि प्रदेश के तीन क्षत्रपों- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतक भविष्य पर भी असर डालेंगे। बता दें कि इस साल मार्च में राज्य में सत्ता के लिए जो राजनीतिक उठापटक हुई थी, उसमें ये तीनों प्रभावशाली नेता शामिल थे।

जबलपुर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक कोरोना काल रहेगा या जब तक फिजिकल क्लासेस चालू नहीं होंगे, तब तक निजी स्कूल सिर्फ और सिर्फ ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे।

वहीं, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि निजी स्कूल किसी भी तरीके से कोई एरियर बाद में वसूल नहीं कर सकेंगे। जब भी निजी स्कूल खुलेंगे तब से उस सत्र के बचे हुए महीनों की फीस बढ़ोतरी का फैसला शासन की समिति एक माह के अंदर लेगी। बता दें कि हाईकोर्ट का यह फैसला प्रदेशभर के अभिभावकों के लिए राहत भरी है। 

गौरतलब है कि जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच,अभिभावक संगठन समेत कई संगठनों की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया कि कोरोना काल में जब हर एक आदमी का बजट बिगड़ चुका है और स्कूल लग नहीं रहे हैं।

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव की 28 सीटों के लिए मतदान समाप्त हो गया है। चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य में कुल 69.93 फीसदी मतदान हुआ है। बता दें कि इस चुनाव में 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। कोरोना महामारी के रोकथाम के दिशा-निर्देशों के साथ मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक चला। भाजपा ने उन सभी 25 लोगों को प्रत्याशी बनाया है, जो कांग्रेस विधायकी पद से इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए हैं। उपचुनाव को सीएम शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं। 

कमलनाथ ने लगाए पैसे बांटने के आरोप

कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि हमें जानकारी मिली कि पुलिस-प्रशासन की मदद से पैसे बांटे जा रहे थे, लेकिन वोटर बिकाऊ नहीं है। हमने फायरिंग वाली दो जगहों पर चुनाव आयोग से फिर से मतदान कराने को कहा है। ये सभी घटनाएं भाजपा की निराशा को साबित करती हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में लिस्ट से कमलनाथ का नाम हटाने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे ने कहा कि किसी का नाम स्टार प्रचारक की सूची से हटाना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। चुनाव आयोग ने कहा कि प्रचार खत्म हो चुका है और कमलनाथ की याचिका निष्प्रभावी हो चुकी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये आपकी शक्ति नहीं है। हम इस मामले को व्यापक तरीके से देखेंगे।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। सीजेआई ने चुनाव आयोग से कहा कि स्टार प्रचारक सूची से उम्मीदवार को हटाने के लिए आपको किसने शक्ति दी है? आप चुनाव आयोग हैं या पार्टी के नेता है? सुप्रीम कोर्ट ये परीक्षण करेगा कि क्या चुनाव आयोग किसी स्टार प्रचारक का नाम हटा सकता है या नहीं। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका पर सीजेआई एस ए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई कर रही है।

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