भोपाल: भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव को लेकर अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची के जारी होने के बाद वरिष्ठ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं अंदर से दुखी हूं कि मुझे पार्टी ने विधानसभा का उम्मीदवार बनाया। मेरा चुनाव लड़ने का एक फीसदी भी मन नहीं था। कैलाश यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि वे अब बड़े नेता हो गए हैं। उनका प्लान था कि वे चुनाव में रोजाना 4-5 जनसभा करते..हेलीकॉप्टर से प्रचार करते। अब वह जनता के बीच जाकर हाथ नहीं जोड़ना चाहते।
बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय को बीजेपी ने इंदौर-1 विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है। वे मालवा की सियासत में बड़ा नाम होने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। उन्होंने कहा कि एक पिता होने के नाते उन्हें अच्छा नहीं लगा कि बेटे का टिकट काटकर वे खुद चुनाव लड़ें।
कैलाश ने कहा कि मैं सोचता था कि मैं चुनाव क्यों लड़ू, क्योंकि आकाश ने इंदौर शहर में अपनी एक जगह बनाई है। मेरी वजह से उसका राजनीतिक अहित नहीं होना चाहिए, पिता होने की हैसियत से ऐसा भाव चल रहा था।
हालांकि उन्होंने ये भी जोड़ा कि वे पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और जब पार्टी ने आदेश कर दिया है वे चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर-1 सीट पर विकास की बहुत संभावनाए हैं। वहां मैं नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता चुनाव लड़ेंगे। ये भी दिलचस्प है कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बेटे के लिए ही चुनाव लड़ना छोड़ा था।
"कांग्रेस का नेरेटिव खत्म'
पत्रकारों से बात करने के दौरान उन्होंने ये भी साफ किया कि इस बार पार्टी किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर रही है। हम मोदी जी और कलेक्टिव लीडरशिप में चुनाव लड़ेंगे। मध्यप्रदेश के संबंध में उन्होंने बताया कि राज्य में पार्टी का चेहरा कौन होगा, इसके बारे में पार्टी आलाकमान ही बताएगा। कैलाश ने कहा-कांग्रेस ने जो नेरेटिव चलाया था कि हम राज्य में सरकार बना रहे हैं उसे भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं को टिकट देकर खत्म कर दिया।