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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हनुमान चालीसा विवाद पर सोमवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने परोक्ष तौर पर सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को चेतावनी दी। उद्धव ठाकरे ने कहा, अगर आप घर पर हनुमान चालीसा पढ़ना चाहते हैं तो स्वागत है... लेकिन अगर तुम दादागीरी करोगे तो हमें पता है कि कैसे इससे निपटना है। शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने ये हमें हिन्दुत्व के जरिये सिखाया है।" उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके पिता बाल ठाकरे के समय से ही उनके घर साधु-संतों का आना-जाना रहता है।

उन्होंने कहा, यदि आपके पास हिंदुत्व का जाप करने की परंपरा नहीं है, तो आप हमारे पास आ सकते हैं। लेकिन ऐसा करने का एक तरीका है। मैंने इसे बचपन से देखा है। साधु और संत जब घर आते हैं, तो दीवाली और दशहरा होता है। हमारे घर में साधुओं और संतों द्वारा हमेशा दौरा किया जाता था, भले ही दशहरा हो या न हो। वे तब आते थे जब बालासाहेब जीवित थे। वे अभी भी घर आते हैं। शिवसेना ने भाजपा से 35 साल पुराना गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई है।

महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से वो (भाजपा) कह रहे हैं कि शिवसेना ने हिन्दुत्व छोड़ दिया है। हमने क्या छोड़ दिया है, क्या हिन्दुत्व धोती है। वो हम पहनते हैं और निकालते हैं। हमें एक बात याद रखनी होगी। जो हमें हिन्दुत्व के नाम पर लेक्चर दे रहे हैं, उन्होंने हिन्दुत्व के लिए क्या किया है।" उद्धव ठाकरे ने तीखा हमला करते हुए कहा, जब बाबरी मस्जिद गिराई गई तो वे बिलों में घुस गए। राम मंदिर निर्माण का फैसला सरकार का नहीं, बल्कि कोर्ट का था। जब इसके निर्माण का निर्णय़ हुआ तो ये लोग झोला लेकर निकल पड़े। कहां है आपका हिन्दुत्व?"

गौरतलब है कि भाजपा सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा का समर्थन कर रही है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान किया था। महाराष्ट्र में यह हनुमान चालीसा-लाउडस्पीकर का विवाद राज ठाकरे के बयान से शुरू हुआ था, जब उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर 3 मई तक अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद आज महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।

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