मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का एलान करने के मामले में गिरफ्तार सांसद नवनीत राणा को बॉम्बे हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। नवनीत राणा को सार्वजनिक जगह पर हनुमान चालीसा को लेकर फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक जीवन वालों की जिम्मेदारी ज्यादा है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि मामले में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज की गई है, राज्य सरकार दूसरी एफआईआर के अनुसार कार्रवाई शुरू करने की इच्छुक है। राज्य सरकार इस तरह की कार्रवाई करने से पहले याचिकाकर्ताओं को 72 घंटे का नोटिस जारी करेंगे।
अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की थी। राणा दंपत्ति को हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर उठे विवाद के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
राणा दंपति पर आईपीसी की धारा 15A और 353 के साथ-साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत एफआईआर दर्ज है। सबसे बड़ी धारा 124ए यानी राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है।
नवनीत राणा और उनके पति को अलग-अलग जेल में रखा गया
उद्धव ठाकरे निवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए अड़ीं निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की रात जेल में कटी। जेल जाने से पहले दोनों की कोरोना जांच की गई। बता दें कि मुंबई पुलिस ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को यहां भायखला महिला जेल में स्थानांतरित कर दिया जबकि उनके विधायक पति रवि राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच पड़ोसी नवी मुंबई की तलोजा जेल ले जाया गया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
क्या है मामला
बता दें कि मातोश्री के बाहर हुनमान चालीसा का पाठ करने पर अड़ीं अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को बीते शनिवार को मुंबई पुलिस ने खार इलाके से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें रविवार को बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया था। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने राणा दंपती को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। अब दोनों की जमानत पर सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।