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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके पति एवं विधायक रवि राणा को अदालत से झटका लगा है। कोर्ट ने दोनों ही नेताओं को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि पुलिस की तरफ पुलिस हिरासत की मांग की गयी थी जिसे अदालत ने नकार दिया।

इससे पहले मुंबई पुलिस ने दोनों के ही खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में "सरकारी अधिकारी को कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल के इस्तेमाल" संबंधी धारा 353 को भी जोड़ दिया है।

बताते चलें कि शनिवार को राणा दंपति की तरफ से वरिष्ठ वकील रिजवान मर्चेंट ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा की गिरफ्तारी अवैध है। उन्होंने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध और असंवैधानिक है क्योंकि दोनों लोक सेवक हैं। उन्हें गिरफ्तार करने से पहले अध्यक्ष की अनुमति लेनी चाहिए थी, लेकिन कोई अनुमति नहीं ली गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगा धारा 41(ए) का नोटिस केस की शुरुआत से 14 दिनों के अंदर लिया जाना था जिसे नहीं लिया गया है।

इधर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शनिवार को हुई 2 घटनाओं को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कल दो घटना घटी है। लगातार दो दिनों से हनुमान चालीसा के नाम पर दंगा हुआ। इसके पाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को (राणा दंपति) को गिरफ्तार कर लिया है। कल रात जो घटना हुई (किरीट सोमैया) उस मामले में भी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शनिवार रात को जो घटना हुई वो सही नहीं है। इस पर हर किसी को समझना चाहिए। पुलिस को अलग से आदेश देने की ज़रूरत नहीं है। पुलिस को उनका काम पता है, उन्हें अपना कर्तव्य सही से निभाना चाहिए। पाटिल ने कहा कि भाजपा की ओर से राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं की गयी है लेकिन उनकी ओर से इसके लिए माहौल बनाया जा रहा है।

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