मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस टीकाकरण को 18 जनवरी तक के लिए अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार रात बताया कि कोविन ऐप में तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद पूरे राज्य में 18 जनवरी तक के लिए टीकाकरण को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि पूरे देश में आज से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में भी टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था।
मुंबई में जेजे अस्पातल के डीन डॉक्टर रंजीत मानकेश्वर तथा जालना सिविल अस्पताल की डॉक्टर पद्मजा सराफ सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल रहे। महाराष्ट्र के 285 केन्द्रों में टीके लगाए जा रहे थे, जहां एक दिन में 100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए। कुल मिलाकर दिनभर में 28500 कर्मियों को टीके की खुराक देने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि शाम पांच बजे तक 18323 लोगों को टीका लगाया गया।
अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र को 'कोविशील्ड' टीके की 9.63 लाख जबकि 'कोवैक्सीन' टीके की 20 हजार खुराकें मिली हैं, जिन्हें सभी जिलों में वितरित किया गया है।
डॉक्टरों ने कहा कि मुंबई के जेजे अस्पताल में एक डॉक्टर की आंखों में शनिवार को एलर्जी हो गई, लिहाजा उन्होंने टीके की खुराक नहीं ली। हालांकि इसका टीके से कोई संबंध नहीं है।
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को शुरू हुए कोविड-19 टीकाकरण अभियान को 'क्रांतिकारी कदम' करार दिया और महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों तथा अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों द्वारा किए गए प्रयासों को याद किया। मुख्यमंत्री ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में कोविड केन्द्र में टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जब कोई उपचार उपलब्ध नहीं था तब कोरोना योद्धाओं ने निस्वार्थ तरीके से कोविड-19 रोगियों का इलाज किया।
उन्होंने कहा, उन दिनों के याद करके मैं अब भी सहम जाता हूं। उस समय हालात सचमुच बहुत प्रतिकूल और नाजुक थे। हर किसी के सामने यही सवाल था कि अब आगे क्या किया जाए और कोई समाधान नहीं नजर नहीं आ रहा था। हालात के चलते हर कोई दबाव में था।