मुंबई: आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन पर बने संशय के बीच बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और भाजपा देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एक साथ नजर आए। दोनों नेता शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के स्मारक निर्माण की शुरुआत के लिए आयोजित वास्तु पूजन कार्यक्रम में संयुक्त रूप से शामिल हुए। बाल ठाकरे की 93वीं जयंती के मौके पर बुधवार को फडणवीस और उद्धव ने मध्य मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क में स्मारक स्थल पर संयुक्त रूप से गणेश पूजन और वास्तु पूजन किया।
कार्यक्रम में स्मारक के लिए चिह्नित जमीन को शहरी निकाय द्वारा आधिकारिक रूप से उस ट्रस्ट को हस्तांरित किया गया, जिसका गठन ढांचे के निर्माण की देखरेख करने के लिए किया गया है। कार्यक्रम में भाजपा और शिवसेना के कई नेता मौजूद थे। इसमें शहर के महापौर विश्वनाथ महादेश्वर, बृहन्मुम्बई महानगर पालिका (बीएमसी) प्रमुख अजय मेहता और भाजपा सांसद पूनम महाजन सहित बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक न्यास के सदस्य भी शामिल थे। इस मौके पर फड़णवीस और ठाकरे दोनों को हाथ मिलाते देखा गया।
कार्यक्रम में मौजूद शिवसेना के एक नेता ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच चाय पर एक संक्षिप्त बैठक हुई। उन्होंने कहा,यद्यपि इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। शिवसेना नेता ने कहा, मुख्यमंत्री और भाजपा के अन्य नेता उद्धव और उनके परिवार की मौजूदगी में बहुत सहज थे। बता दें कि स्मारक के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सौ करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
प्रधानमंत्री ने भी ठाकरे को श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर बाल ठाकरे की समझ और भाषण कला की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, साहसी बालासाहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम करता हूं। सम्मानित बालासाहेब में लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता थी।
शिवसेना के हमले जारी
देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के एक साथ नजर आने के बावजूद शिवसेना के भाजपा पर हमले कम नहीं हुए हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना में बुधवार को प्रकाशित लेख में कहा गया कि ठाकरे का विचार था कि केवल हिंदुत्व ही देश को बचा सकता है और उनके इस विचार के चलते भाजपा सत्ता में आई। लेकिन वर्तमान स्थिति और देश जिस रास्ते पर चल रहा है, वह सही नहीं है।
गठबंधन के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल: विपक्ष
कांग्रेस प्रवक्ता सचिप सावंत ने स्मारक के लिए सरकार धन आवंटित करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, स्मारक बाल ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ में बनाया जाना चाहिए था। सावंत ने कहा, भाजपा केवल चुनाव से पहले शिवसेना को लुभाने की कोशिश कर रही है। वे चाहते हैं कि गठबंधन हो, इसलिए लोगों के पैसे का इस्तेमाल हो रहा है। स्मारक से अधिक, भाजपा को चुनावों की चिंता है। एनसीपी नेता चित्रा वाघने कहा, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, दोनों दलों ने महसूस किया है कि अगर वे एक साथ नहीं आते हैं, तो उनका पतन हो जाएगा। इसलिए, स्मारक के नाम पर यह नाटक हो रहा है।