ताज़ा खबरें
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

बीड (महाराष्ट्र): एक पुस्तक का उद्धरण देते हुये शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि केन्द्र की फसल बीमा योजना ‘‘उसी तरह का एक बड़ा घोटाला’’ है जैसा राफेल लड़ाकू विमान सौदा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अक्सर होने वाले विदेशी दौरे पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि केवल भाषणों और घोषणाओं से लोगों की मदद नहीं होगी।

उन्होंने भाजपा की अगुवाई वाली सरकार से आगामी चुनावों के लिए गठबंधन पर बातचीत पर विचार से पहले किसानों की समस्याओं को सुलझाने की मांग की। मोदी ने 2015 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी जिसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोग के कारण अधिसूचित फसलों में से किसी के नुकसान होने पर किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहयोग मुहैया कराना था। सूखा प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान महाराष्ट्र के बीड जिले में एक रैली को संबोधित करते हुये ठाकरे ने कहा कि बीमा कंपनियों को किस्तों का भुगतान करने के बाद सरकार की फसल बीमा योजना का कितने लोगों को लाभ मिला?

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को दो, पांच, 50, 100 रुपये का चेक मिला। मैं मन की बात नहीं करता (मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम का हवाला देते हुये) लेकिन ‘जन की बात’ करने में विश्वास करता हूं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि फसल बीमा योजना में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘हमें किससे सवाल करना चाहिए? साईनाथ नाम का कोई है, जो इस विषय का विशेषज्ञ है जिसने एक किताब लिखा है। उन्होंने कहा है कि फसल बीमा घोटाला राफेल के जैसा एक बड़ा घोटाला है।’’

गौरतलब है कि विपक्षी कांग्रेस राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है लेकिन सरकार ने इससे इंकार किया है। घोषणाओं के ‘बुलबुला’ होने का दावा करते हुये ठाकरे ने सरकार से ‘‘किसी भी गठबंधन वार्ता पर विचार करने से पहले किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए’’ कहा। महाराष्ट्र और केंद्र में सरकार का हिस्सा होने के बावजूद शिवसेना नियमित रूप से भाजपा पर निशाना साध रही है। इसके नेताओं ने कई बार कहा है कि वे अगला चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख