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मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक स्नातक के छात्र ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे पर उसे उस वक्त गिरफ्तार करने का आदेश देने का आरोप लगाया है जब वह उनके और एक छात्र के बीच की बातचीत की रिकार्डिंग कर रहा था। मंत्री ने इस आरोप से इंकार किया है। यहां से करीब 680 किलोमीटर दूर स्थित अमरावती में एक कॉलेज में तावडे ने भाषण प्रतियोगिता का उद्घाटन किया था, जिसके बाद यह कथित घटना हुई। कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद जब मंत्री जा रहे थे, तब पत्रकारिता के कुछ छात्र उनके वाहन के नजदीक आ गए और मुफ्त शिक्षा नीति पर उनकी राय पूछने लगे।

कॉलेज के छात्र प्रशांत राठौड़ ने राठौड़ ने शनिवार को अमरावती में संवाददाताओं को बताया कि शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने कहा कि यदि वह शिक्षा का खर्च बर्दाश्त नहीं कर सकता तो उसे कहीं कुछ काम करना शुरू कर देना चाहिए। मेरा उनसे सवाल था कि क्या प्रदेश में मुफ्त शिक्षा नीति हो सकती है। प्रशांत के मुताबिक दबाड उनकी बातचीत की वीडियो रिकार्डिंग कर रहा था। जब मंत्री ने देखा तो पहले उससे रिकार्डिंग बंद करने को कहा और बाद में पुलिस से उसे गिरफ्तार करने को कहा।

दबाड ने कहा कि उसने रिकार्डिंग न करने के आदेश को मानने से मना कर दिया, क्योंकि मंत्री हमारे प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रहे थे। हम बस उनसे कुछ सवाल कर रहे थे और उनका विचार जानना चाहते थे। इस पर मंत्री ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया। उसके बाद उसे परिसर से बाहर ले जाया गया और कुछ समय तक पुलिस वाहन में हिरासत में रखा गया। मेरा फोन मुझे शाम को वापस किया गया। बिना मेरी अनुमति के पुलिस ने मेरे फोन से रिकार्डिंग और वीडियो हटा दी।

मैंने किसी छात्र की गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया: तावडे

तावडे ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उन्होंने किसी छात्र की गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया। कॉलेज के छात्रों के साथ तकरीबन ढाई घंटे तक अच्छी बातचीत हुई। मेरे खिलाफ आरोप लगाने वाले छात्र मुझे हॉल के बाहर मिले थे और मुझसे कुछ सवाल पूछने की कोशिश की थी। वे ही मेरे खिलाफ झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ छात्र 'इंकलाब जिंदाबाद' लिखी पंफलेट के साथ आ गए और अन्य छात्रों को वितरित कर रहे थे। उन्हीं में से एक गिरफ्तारी का आदेश देने का आरोप लगा रहा है, जो पूरी तरह से झूठ है। अमरावती पुलिस आयुक्त संजय कुमार बाविसकर ने बताया कि न तो छात्र को गिरफ्तार किया गया न ही हिरासत में लिया गया। उसके मोबाइल से कुछ हटाया भी नहीं गया।

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