मुंबई: मालेगांव धमाके के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित जेल से रिहा हो गए हैं। उन्हें लेने के लिए सेना की तीन गाड़ियां तलोजा जेल पहुंची थीं। 9 साल बाद नवी मुंबई के तलोजा जेल से रिहा हुए लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित रिहाई के बाद सीधे कोलाबा में मिलिट्री इंटेलिजेंस की अपनी यूनिट में जाया गया। यहाँ से वह से वहां पुणे स्थित अपने घर के लिए रवाना होंगे। गौरतलब है कि सोमवार को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन कुछ कागजी कार्यवाही की वजह से मंगलवार को रिहाई नहीं हो सकी थी। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं। पुरोहित ने सत्र न्यायालय के बाहर पत्रकारों से कहा था कि मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं। यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है। पुरोहित की जमानत की औपचारिकताएं अभी पूरी होना बाकी हैं। आरोप तय करने को लेकर एक सुनवाई के लिए उन्हें अदालत लाया गया। उन्होंने कहा, मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार जिसमें मेरी पत्नी,मेरे दो बेटे,बहन और मां हैं. मैं उनसे मिलने के लिए बेताब हूं। पुरोहित ने कहा कि सेना ने मेरी इज्जत कम नहीं होने दी।
उन्होंने कहा, सेना की यह परम्परा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती। मैंने यह एक बार भी महसूस नहीं किया कि मैं सेना से बाहर हो जाऊंगा। उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में मदद के लिए अपनी पत्नी की प्रशंसा की। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह (विस्फोटक) आरडीएक्स लगाए जाने का आरोप उन पर लगाने के लिए महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे, पुरोहित ने कहा वह एक संस्थान का हिस्सा है और यदि ये दावे सच्चे होंगे तो उनके वरिष्ठ (सेना में) मामले से निपटेंगे।जब उनसे पूछा गया कि वह अपनी परेशानी के लिए किसे दोषी ठहराएंगे तो अधिकारी ने कहा अपनी तकदीर के अलावा वह किसी को दोष नहीं दे सकते।