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मुंबई: सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में आरोपी रहे डीजी वंजारा और दिनेश एमएन को सीबीआई अदालत ने बरी कर दिया है। इसके पहले मामले में अमित शाह, गुलाब चंद कटारिया समेत कई अधिकारी बरी हो चुके हैं। इस मामले में सीबीआई ने कुल 35 लोगों को आरोपी बनाया था। वंजारा को कई साल जेल में बिताने पड़े थे। वंजारा को 2014 में जमानत मिल गई थी। 2005 के हुए कथित सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में वंजारा को 24 अप्रैल, 2007 को गिरफ्तार किया गया था। सितंबर, 2014 में मुंबई की एक अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति कथित मुठभेड़ मामलों में जमानत दे दी थी। वंजारा को पहले गुजरात जाने की इजाजत नहीं थी, लेकिन पिछले साल अप्रैल में सीबीआई की विशेष अदालत ने वंजारा को गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने की अनुमति देकर उनकी जमानत शर्तों में ढील दी थी। गुजरात एन्टी-टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) के मुखिया रहे डीजी वंजारा अपने कार्यकाल के दौरान एनकाउंटर विशेषज्ञ के रूप में मशहूर रहे हैं। वंजारा को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान उनका बेहद करीबी पुलिस अधिकारी माना जाता रहा है।

1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा क्राइम ब्रांच तथा पाकिस्तानी सीमा से सटी बॉर्डर रेंज के आईजी भी रहे हैं।

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