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जयपुर: राजस्थान में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य के राजसमुंद जिले में जमीन विवाद से जुड़े एक मामले की जांच करने गए हेड कांस्टेबल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। जानकारी के मुताबिक कॉन्स्टेबल गनी मोहम्मद मामले की तफ्तीश करने गांव में गए थे। इस दौरान मामले में लिप्त आरोपियों ने 48 वर्षीय कॉन्स्टेबल की पिटाई शुरू कर दी। पूरे वाकये के दौरान ग्रामीण मूक-दर्शक बने रहे। बताया जा रहा है कि पिटाई के बाद कॉन्स्टेबल गनी मोहम्मद को घायल अवस्था में भीम चिकित्सालय ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।

बताया जा रहा है कि कॉन्स्टेबल की पिटाई की सूचना पर डीएसपी राजेंद्र सिंह, सीआई लाभूराम विश्नोई और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू की। टीम हमलावरों का पता लगाने में जुटी है. मृतक हेड कॉन्स्टेबल अब्दुल गनी पिता अब्दुल अजीज जहाजपुर भीलवाड़ा के रहने वाले थे। वे फरवरी 1995 में राजस्थान पुलिस की सेवा से जुड़े थे।

अलवर: अलवर की एक अदालत ने गैर कानूनी तरीके से गोवंश की ढुलाई करने के मामले में पहलू खान के दो बेटों और एक ट्रक आपरेटर के खिलाफ आगे जांच करने की अनुमति पुलिस को दे दी है। सहायक लोक अभियोजक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि बहरोड के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एसीजेएम ने इस बारे में दायर प्रार्थनापत्र को स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से गोवंश की ढुलाई के मामले में पहलू खान के दोनों बेटे इरशाद और आरिफ और ट्रक ऑपरेटर खान मोहम्मद के खिलाफ आगे जांच के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। सभी आरोपियों को राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम, 1995 की विभिन्न धाराओं में आरोपी माना गया है। पहलू खान का नाम आरोपपत्र से हटा दिया गया है क्योंकि उसकी मृत्यु हो चुकी है। अग्रवाल के अनुसार अदालत ने इसमें आगे की जांच की मंजूरी दे दी है।

उल्लेखनीय है कि पहलू खान की एक अप्रैल 2017 को कुछ कथित गोरक्षकों ने बहरोड़ (अलवर) में पिटाई की थी, बाद में अस्पताल में खान की मौत हो गई। पहलू खान और उसके बेटे मवेशी लेकर नुंह जा रहे थे और लोगों को उन पर गौर तस्करी का संदेह था।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उनका राज्य का मुख्यमंत्री बनना बनता था, इसलिए वह इस पद पर आसीन हुए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य संवेदनशील और पारदर्शी प्रशासन देने का है। राजस्थान विधानसभा में 2019-20 का बजट पेश करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव के समय सभी गांवों में और ढाणियों में एक भावना थी कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनना चाहिए और कोई नहीं बनना चाहिए। राहुल गांधी ने प्रदेश की जनता की भावनओं का आदर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मुझे अवसर दिया। इसलिए मेरा मुख्यमंत्री बनना बनता था। राहुल गांधी ने मौका दिया तो मेरा फर्ज बनता है कि लोगों के लिये काम करूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जनता का ऐसा प्यार कभी नहीं देखा, उनकी आंकाक्षाएं मेरे जेहन में हैं। इसलिए मेरा मुख्यमंत्री बनना बनता था और मैं मुख्यमंत्री बना।’’ गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन देने का है। सरकार जवाबदेही कानून लेकर आयेगी।

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को दिशाहीन बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसका उद्देश्य स्पष्ट नहीं है और यह निराशाजनक है। लोकसभा में आम बजट पेश किए जाने के बाद गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट दिशाहीन है। इसका उद्देश्य स्पष्ट नहीं है और यह निराशाजनक है। इसमें अर्थव्यवस्था में तेजी लाने, रोजगार सृजित करने या निवेश बढ़ाने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।

गहलोत के अनुसार इस बजट में गांव, गरीब और किसान का जिक्र केवल नारे के रूप में किया गया है जबकि कृषि संकट से निपटने की कोई योजना इसमें नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग या वेतनभोगी वर्ग को कोई राहत नहीं दी गयी है जबकि ईंधन की कीमतें बढ़ाने से आम लोगों पर और बोझ पड़ेगा।

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