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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को सत्ता में बने हुए 9 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर बुधवार को वह राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के व्यापक चुनावी जनसंपर्क अभियान का श्रीगणेश करेंगे। राजस्थान के अजमेर में एक मेगा रैली से प्रधानमंत्री पार्टी (भाजपा) के पूरे महीने चलने वाले अभियान की शुरुआत करेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री अजमेर की उड़ान में बैठने से पहले पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में भी जाएंगे।

भाजपा ने अपने अहम अभियान को शुरू करने के लिए ऐसे समय में राजस्थान को चुना है, जब राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के बीच नेतृत्व का संघर्ष जारी है। हांलाकि कांग्रेस आलाकमान ने पिछले दिनों दोनों नेताओं की दिल्ली में बैठक आयोजित करवाकर एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है।

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी की रैली, दिल्ली में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के एक ही दिन बाद होने जा रही है।

नई दिल्ली (आशु सक्सेना): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके प्रतिद्वंद्वी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ बैठक के बाद कांग्रेस की एकता प्रदर्शित करने की कोशिश अभी भी कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है। सवाल यह है कि सत्ता के बंटवारे को लेकर सूबे के इन दोनों शीर्ष नेताओं के बीच जो संघर्ष पिछले चार साल से चल रहा है। कांग्रेस को उसका निपटान करना अभी बाकी है। दरअसल, इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के भीतर चल रहे, इस झगड़े को सुलझाया नहीं गया, तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की संभावनाओं पर इसका विपरित प्रभाव पड़ सकता है।

सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के बीच चार घंटे की बैठक में सत्ता साझा करने के फॉर्मूले पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। बैठक के बाद अशोक गहलोत के बाहर निकलने वाले दृश्‍यों ने उन खबरों की पुष्टि की है, जिनमें पायलट के साथ उनकी अनबन हमेशा की तरह मजबूत है। गहलोत ने आज सुबह कहा कि वह पायलट के साथ काम करेंगे और चुनाव जीतेंगे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): राजस्थान इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे सियासी टकराव को खत्म करने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में राहुल गांधी और कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से मीटिंग की। इस मीटिंग के बाद सचिन पायलट भी खड़गे से मिलने उनके घर पहुंचे।

सोमवार को अशोक गहलोत और सचिन पायलट की आलाकमान के साथ चार घंटे तक चली इस बैठक के खत्म होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने पत्रकारों से कहा कि बैठक के दौरान दोनों ही नेताओं ने एक मत से ये कहा कि हम आगामी चुनाव को लेकर साथ मिलकर काम करेंगे। आगे जो भी फैसला करना है वो आलाकमान तय करेगा। अशोक गहलोत और सचिन पायलट से मुलाकात को लेकर कांग्रेस ने एक ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हवाले से कहा गया है कि अशोक गहलोत जी और सचिन पायलट जी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम राजस्थान जीतने जा रहे हैं।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राज्य के सभी जिलों में शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ कार्यालयों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां शांति और अहिंसा प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। गहलोत ने अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रकोष्ठ का उद्घाटन करते हुए कहा, 'शांति और अहिंसा हमारी संस्कृति का आधार है। शांति और अहिंसा से ही समाज में आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारा कायम रखा जा सकता है।'

उन्होंने कहा कि अशांति, हिंसा और तनाव के माहौल में विकास संभव नहीं है। दुनिया में ऐसे कई देशों के उदाहरण हैं जहां हिंसा ने पूरी मानवता के लिए खतरा पैदा कर दिया है।

गहलोत ने भारतीय उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रयासों का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने शांति और विकास के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि जयपुर में बन रहा गांधी संग्रहालय अपनी तरह का एक विशेष संग्रहालय होगा।

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