जयपुर: पांच फीसदी आरक्षण को लेकर आंदोलन पर डटे गुर्जर समुदाय जहां मांगें जल्द से जल्द पूरी करने के लिए सरकार से मांग कर हैं तो वहीं दूसरी तरफ से राज्य सरकार आश्वासन दिया है कि वे उनकी इस मांग में पूरी मदद करेंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाई माधोपुर में आंदोलन कर रहे गुर्जर समुदाय से कहा- “सरकार उनकी मदद को तैयार है। उन्हें अपनी बातें केन्द्र तक पहुंचाने की जरुरत है और अब यह केन्द्र सरकार पर निर्भर करता है कि वे क्या फैसला करती है।”
उधर, गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा- “हम पांच फीसदी आरक्षण के बाद ही यहां से हटेंगे। यह सरकार से मेरा व्यक्तिगत अनुरोध है कि ऐसा वे कुछ भी न करें जिससे राजस्थान की जनता उत्तेजित हो जाए। लोग मेरे निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाएं। जल्द बेहतर होगा।” उधर, गुर्जर आरक्षण पर बोलते हुए राजस्थान के मंत्री भंवर लाल ने कहा- “गुर्जर समुदाय से यह अपील करते हैं कि कृप्या वे हिंसा न करें, शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें। मैं बैंसला जी से यह अपील करना चाहूंगा कि वे बातचीत के लिए अपनी टीम भेजें और हम इस पर चर्चा करेंगे कि कैसे उनकी मांगों संविधान के दायरे में रहकर पूरी की जा सके।”
गौरतलब है कि राजस्थान में गुर्जरों के आरक्षण के चलते रेल और सड़क यातायात प्रभावित है। कई ट्रेनों का रूट बदला गया है। ऐसे में इस प्रदर्शन के चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एम एल लाठर ने बताया कि आंदोलन के दौरान कहीं से अप्रिय घटना का कोई समाचार नहीं है। रविवार को कुछ हुड़दंगियों ने धौलपुर में पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और हवा में गोलियां चलाईं थीं।
लाठर ने बताया कि आंदोलनकारियों ने दौसा जिले में सिकंदरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 को अवरूद्ध कर दिया है। इसके साथ ही नैनवा (बूंदी), बुंडला (करौली) व मलारना में भी सड़क मार्ग अवरूद्ध है। उल्लेखनीय है कि गुर्जर नेता राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला व उनके समर्थक यहीं जमे हैं। आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद रविवार को दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि सरकार के स्तर पर वार्ता के द्वार खुले हैं और आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है।