जयपुर: इस साल के अंत में जिन चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें एक राजस्थान भी है। लेकिन यहां चुनाव से पहले ही भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पार्टी के दिग्गज नेता और वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे घनश्याम तिवारी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने नई पार्टी में जाने की घोषणा कर दी। इस पार्टी को अभी दो दिन पहले ही चुनाव आयोग ने मान्यता दी थी। दरअसल ये संगठन पहले घनश्याम तिवाड़ी ही चलाते थे। इसे अब पार्टी का दर्जा मिल चुका है। घनश्याम तिवारी हमेशा ही राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते रहे हैं। अब घनश्याम तिवारी के संगठन भारत वाहिनी का राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकरण हो गया है।
विधायक के पुत्र और भारत वाहिनी के संस्थापक अध्यक्ष अखिलेश तिवारी के अनुसार चुनाव आयोग ने भारत वाहिनी को गत बुधवार को राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत कर लिया है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सभी दो सौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा की मुश्किल ये है कि घनश्याम तिवारी राज्य में भाजपा का बड़ा चेहरा रहे हैं। ऐसे में वह भाजपा के ही वोट बैंक को नुकसान पहुंचाएंगे। अब तक वह पार्टी के अंदर रहकर वसुंधरा का विरोध करते रहे, लेकिन अब वह दूसरी पार्टी से भाजपा के खिलाफ ताल ठोकेंगे।
घनश्याम तिवाड़ी के बेटे अखिलेश तिवाड़ी ने बताया कि भारत वाहिनी का प्रथम प्रतिनिधि सम्मेलन आगामी 3 जुलाई को जयपुर में होगा। सम्मेलन में चुनाव लड़ने के मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा। गौरतलब है कि तिवाड़ी लम्बे समय से भारत वाहिनी के बैनर तले राज्य सरकार की विफलताओं को लेकर जन जागरण कर रहे हैं।
2013 में हुए चुनावों में कांग्रेस को करारी मात देकर भाजपा सत्ता में आई थी। लेकिन पिछले काफी समय से भाजपा का हाल यहां पर खराब है। पिछले दिनों जब राजस्थान में अलवर और अजमेर में लोकसभा चुनावों के लिए उपचुनाव हुए तो भाजपा को इसमें करारी हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद से ही लग रहा है कि भाजपा में राजस्थान में हालात सही नहीं हैं। घनश्याम तिवाड़ी राजस्थान भाजपा के दिग्गज नेता हैं। वह समय समय पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की खिलाफत करते रहे हैं।