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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मौसम विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार अगले कुछ दिनों में देश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। बारिश की आशंका के साथ कुछ शहरों में ठंड बढ़ने के भी आसार हैं। आईएमडी ने बताया है कि उत्तराखंड में 28 नवंबर को बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में हल्की बारिश के आसार हैं। दिसंबर के पहले हफ्ते से ही कड़ाके की ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में अगले तीन दिन बारिश-बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम में अचानक हुए बदलाव के कारण उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसीं 41 मजदूरों की जिंदगियों पर भी खतरा मंडराने लगा है।

गुजरात में बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद

अचानक मौसम बदलने का असर गुजरात के कई इलाकों में भी दिखा। बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 20 लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है। फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

नई दिल्ली: चीन में बच्चों में सांस की बीमारियां बढ़ने के बीच केंद्र सरकार ने ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है। इसे लेकर केंद्र ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। साथ ही केंद्र ने जोर देकर कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है।

तैयारियों की समीक्षा के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पतालों की तैयारी के उपायों का तुरंत मूल्यांकन करने के लिए कहा है। अपने निर्देश में मंत्रालय ने अस्पतालों में मानव संसाधन, अस्पताल बैड, आवश्यक दवाओं, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और टेस्टिंग किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश में कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को अपने ऑक्सीजन प्‍लांट्स और वेंटिलेटरों की उचित कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करना चाहिए और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमण नियंत्रण प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए।

नई दिल्ली: संविधान दिवस समारोह पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने देश को संबोधित करते हुए भरोसा दिलाया कि न्यायपालिका के दरवाजे हर एक नागरिक के लिए लिए हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी अदालत में आते हुए नहीं डरना चाहिए। लोगों का विश्वास ही हमारा श्रद्धास्थान है।

सीजेआई ने कहा कि यहां आया हर एक मुकदमा संविधान के राज की मिसाल है। संविधान अन्य विवादों के साथ राजनीतिक विवाद सुलझाने का भी अधिकार देता है। बाबासाहेब अंबेडकर जी की प्रतिमा प्रतीक है कि संविधान न्याय के लिए कोर्ट तक पहुंचने का अधिकार भी सुनिश्चित करता है।

न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा: सीजेआई

चीफ जस्टिस ने कहा कि लोग साफ हवा और साफ पानी की आस लिए भी सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हैं। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में लोगों का भरोसा इस कदर है कि वो पोस्टकार्ड के जमाने में भी एक चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाते रहे हैं और संतुष्ट होते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स इसकी गवाह हैं।

नई दिल्‍ली: आजादी के 76 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में इतिहास रचा गया है। सुप्रीम कोर्ट परिसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अनावरण किया। यानि संविधान के प्रहरी के प्रांगण में संविधान निर्माता। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। हम 2015 संविधान दिवस मना रहे हैं।

इस बार का संविधान दिवस सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में भी अलग है। देश में अधिकतर जगह हर छोटे-बड़े शहर, कस्‍बों, गांव में डॉ. अंबेडकर की हाथ उठाए आगे बढ़ने के प्रेरणा देती प्रतिमा लगी दिखती है। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पहल पर विधिवेत्ता डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया गया। तीन फुट ऊंचे आधार पर डॉक्टर अंबेडकर की सात फुट ऊंची प्रतिमा वकील की वेशभूषा में है। उन्होंने वकील की तरह गाउन और बैंड पहना हुआ है और एक हाथ में संविधान की प्रति है।

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