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नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को अपने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए संबोधित किया। यह पीएम मोदी के मन की बात रेडियो कार्यक्रम का 107वां एपिसोड था। आज संविधान दिवस है... पीएम मोदी ने देशवासियों को संविधान दिवस की शुकामनाएं दीं।

उन्‍होंने बताया कि हम 2015 संविधान दिवस मना रहे हैं। संविधान में अब तक 106 बार संशोधन किया जा चुका है। इस दौरान पीएम मोदी ने वोकल फोर लोकल पर फिर जोर दिया और कहा- वोकल फोर लोकल, रोजगार और देश के विकास की गारंटी है। यह बात अब देशवासी समझने लगे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंटेलिजेंस, आइडिया और इनोवेशन आज भारतीय युवाओं की पहचान है। इसमें टेक्‍नोलॉजी के जुड़ने से उनकी बौद्धिक क्षमता में निरंतर बढ़ोतरी हो, ये अपने आप में देश के सामर्थ्य को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण प्रगति है। आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 2022 में भारतीयों के पैटेंट आवेदन में 31 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

मुंबई हमले में जीवन गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि...

26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए 'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उभरे और अब पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। इस हमले में हमारे जो जांबाज वीरगति को प्राप्त हुए, देश उन्हें आज याद कर रहा है।"

संविधान दिवस की शुभकामनाएं

संविधान दिवस का जिक्र करते हुए 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। देश के सभी देशवासियों को मैं संविधान दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं। हम सब मिलकर विकसित भारत के संकल्प को जरूर पूरा करेंगे। संविधान में अभी तक 106 बार संशोधन हो चुका है। मुझे याद है, जब साल 2015 में हम बाबा साहेब आंबेडकर की 125वीं जयंती मना रहे थे, उसी समय ये विचार आया था कि 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा। तब से हर साल आज के इन दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। यह भी बहुत प्रेरक है कि संविधान सभा के कुछ सदस्य मनोनीत किए गए थे, जिनमें से 15 महिलाएं थी। ऐसी ही एक सदस्य हंसा मेहता जी ने महिलाओं के अधिकार और न्याय की आवाज बुलंद की थी। उस दौर में भारत उन कुछ देशों में था, जहां महिलाओं को संविधान से वोटिंग का अधिकार दिया।"

उन्‍होंने कहा कि समय, परिस्थिति, देश की आवश्यकता को देखते हुए अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग समय पर संशोधन किए। लेकिन ये भी दुर्भाग्य रहा कि संविधान का पहला संशोधन, फ्रीडम ऑफ स्‍पीच और फ्रीडम ऑफ एक्‍सप्रेशन के अधिकारों में कटौती करने के लिए हुआ था। वहीं, संविधान के 44 वें संशोधन के माध्यम से, इमरजेंसी के दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया था।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जब सबका साथ होता है, तभी सबका विकास भी हो पाता है। मुझे संतोष है कि संविधान निर्माताओं के उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए, अब भारत की संसद ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को पास किया है।

वोकल फोर लोकल अभियान रोजगार की गारंटी

वोकल फोर लोकल की उपयोगिता का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ दिनों के भीतर ही दीवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है और इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया। वोकल फोर लोकल का ये अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। वोकल फोर लोकल अभियान रोजगार की गारंटी है।

एक महीने का डिजिटल अभियान

पीएम मोदी ने कहा, "ये लगातार दूसरा साल है, जब दीपावली के अवसर में कैश देकर कुछ सामान खरीदने का प्रचलन धीरे-धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। अब लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल प्रेमेंट कर रहे हैं। ये भी बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है। आप तय करिए कि एक महीने तक यूपीआई से या किसी डिजिटल माध्‍यम से ही पेमेंट करें, कैश पेमेंट नहीं करेंगे। भारत में डिजिटल क्रांति की सफलता ने इसे बिल्‍कुल संभव बना दिया है।

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