नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को नोटिस जारी किया है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई की जा रही थी। अदालत ने मामले को ट्रिपल तलाक से जुड़ी दूसरी याचिकाओं के साथ जोड़ा। कोर्ट ने बच्चों को वापस दिलाने के मुद्दे पर कहा कि इस मामले में पुलिस और हाईकोर्ट में शिकायत की जाए। इशरत ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया और चारों बच्चों को जबरन छीन लिया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में इशरत ने कहा है कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके 22 साल तक की उम्र के बच्चे भी हैं जो उसके पति ने जबरन अपने पास रख लिए हैं। याचिका में बच्चों को वापस दिलाने और उसे पश्चिम बंगाल पुलिस से सुरक्षा दिलाने की मांग की गई है। इशरत ने कहा है कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है। याचिका के मुताबिक ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन है जबकि मुस्लिम बुद्धिजीवी भी इसे गलत करार दे रहे है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही नैनीताल की शायरा बानो, जयपुर की आफरीन समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को नोटिस जारी कर चुका है।
बोर्ड ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।कोर्ट ने केंद्र से भी जवाब दाखिल करने को कहा है।